नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को अगले वित्त वर्ष 2023-24 में खुदरा मुद्रास्फीति नरम पड़कर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान जताया। चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 6.5 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान है। मौद्रिक नीति की खास बातें...
-आयातित महंगाई कम रहने से अगले वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आएगी। हालांकि मुख्य मुद्रास्फीति अब भी ऊंची बनी हुई है।
-प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया।
-मौद्रिक नीति समिति के 6 सदस्यों में से 4 ने रेपो दर बढ़ाने के पक्ष में मत दिया।
-चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर के 7 प्रतिशत रहने का अनुमान। 2023-24 में वृद्धि दर घटकर 6.4 प्रतिशत रहेगी।
-मौद्रिक नीति समिति उदार रुख को वापस लेने पर ध्यान देने के पक्ष में।
-खुदरा मुद्रास्फीति चौथी तिमाही में 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान।
-चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.5 प्रतिशत पर रहेगी। अगले वित्त वर्ष में इसके घटकर 5.3 प्रतिशत पर आने का अनुमान।
-बीते साल और इस वर्ष अभी तक अन्य एशियाई मुद्राओं की तुलना में रुपए में कम उतार-चढ़ाव।
-चालू खाते का घाटा 2022-23 की दूसरी छमाही में नीचे आएगा।
-दुकानों पर भुगतान के लिए भारत आने वाले यात्रियों को भी यूपीआई सुविधा देने का प्रस्ताव। शुरुआत में यह सुविधा जी20 देशों के यात्रियों को मिलेगी।