शांतिदूत श्री श्री रविशंकर : कोलंबिया समस्या का हल
बेंगलुरु। कोलम्बिया सरकार और कोलम्बिया के क्रांतिकारी सैन्य बल एफएआरसी ने एतिहासिक समझौता करते हुए 52 वर्षों से चली आ रहे विवाद को हाल ही में खत्म कर दिया। आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता और मानवतावादी संत श्री श्री रविशंकर ने इसमें प्रमुख मध्यस्थता निभाई।
आध्यात्मिक संत श्री श्री ने पिछले एक वर्ष में क्यूबा, हवाना और कोलम्बिया की यात्रा करते हुए और दोनों दलों को साथ रखते हुए दोनों के मध्य विश्वास की बुनियाद रखी। पिछले वर्ष श्री श्री ने क्यूबा यात्रा के दौरान एफएआरसी के प्रतिनिधि जिसमें एफएआरसी-ईपी के नेता इवान मार्क्वेज भी थे, से मुलाकात की थी।
इस मुलाकात ने जून 2015 में महत्वपूर्ण आधारशिला रखी थी जब एफएआरसी विद्रोहियों ने एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की थी। इस गृहयुद्ध में लगभग 2 लाख 20 हजार लोग मारे गए और 5 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हुए।
सरकार और विद्रोही वर्ष 2012 से बातचीत में लगे हैं और दोनों के मध्य भूमि सुधार और नशीली दवाओं के व्यापार के संबंध में करार हुए। लेकिन इस बातचीत को पूर्णकालीन समर्थन के लिए आध्यात्मिक लीडर श्री श्री का आत्मीय संपर्क चाहिए था। राष्ट्रपति जॉन मेनुअल संतोष याद करते हुए कहते हैं कि मुझे 50 साल पुराने विवाद को समाप्त करते हुए उनसे बात करने में बहुत आनंद आया। बाद में, मेरी सहमती से क्यूबा और हवाना के एफएआरसी के लीडरों से भी वे मिले और उन्हे गांधीवादी अहिंसा के सिंद्धांतों पर चलने तथा ध्यान और श्वास लेने की कला सीखने के लिए प्रेरित किया।
मार्क्वेज ने श्री श्री की गांधीवादी अहिंसा की शिक्षा देने के कार्य के लिए सराहा और कहा, 'श्री श्री की वजह से हम अपने प्यारे देश में हो रहे विवादों को न केवल खत्म किया बल्कि हमारे भाग्य में जो युद्ध लिखे थे उन पर भी विराम लगा। आर्ट ऑफ लिविंग का शिक्षण स्थिर और लंबे समय तक रखी जा सकने वाली शांति को बनाए रखने के लिए अति आवश्यक है।
ठीक एक साल बाद 23 जून को इस शांति वार्ता पर मुहर लग गई। गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने कोलम्बिया के राष्ट्रपति मार्क्वेज और कोलम्बिया के क्रांतिकारी सैन्य बल एफएआरसी के मध्यस्थ श्री मार्कोज केरटाला दोनों को द्विपक्षीय युद्ध विराम पर बधाई दी है।
पिछले एक वर्ष में कई वार्ताएं हुईं, जिनमें श्री श्री ने अपनी तनाव मुक्त करने की तकनीकों को कोलम्बियन सरकार और एफएआरसी के सदस्यों को अनुभव करवाया, जिससे शांति के प्रयासों को बल मिल सका।
कुछ इस तरह चली शांति प्रक्रिया...
* क्यूबा की यात्रा और एफएआरसी के साथ जून 2015 में मुलाकात के बाद श्री श्री बगोटा पहुंचे, जहां वे राष्ट्रपति जॉन मेनुअल संतोष से मिले और इसके बाद हवाना में एफएआरसी के लीडरों से भी द्वारा शांति वार्ता के लिए मिले।
* एफएआरसी के सदस्यों ने महसूस किया कि उनके पास यह आध्यात्मिक ज्ञान नहीं था जो कि इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक था। श्री श्री की यात्रा के बाद एफएआरसी के लीडर इवान कार्क्वेज ने द्विपक्षीय युद्धविराम की घोषणा की जब तक कि शांति वार्ता अपने अंत तक नहीं पहुंचे।
* 28 जून 2015 को एफएआरसी ने श्री श्री के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में यह घोषणा की कि 20 जुलाई से युद्ध विराम प्रारंभ होगा और वे इसे अहिंसा की विचारधारा के साथ करेंगे।
* पिछले वर्ष के अगस्त में श्री श्री ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अधिवक्ता डॉ. लुईस मारेनो ओकेम्पो और एफएआरसी के दल जिसे इवान मार्क्वेज ने नेतृत्व किया था, से मुलाकात की। इस मुलाकात में देश के कई कानूनी और राजनैतिक मुद्दों पर युद्धविराम के पश्चात होने वाले परिवर्तनों पर चर्चा की।
* विद्रोहियों के दल एफएआरसी द्वारा कोलम्बिया सरकार के साथ 23 सितंबर को शांति संकल्प पर भी हस्ताक्षर हुए। इसी के आधार पर आखिरी छह माह में शांति के लिए अंतिम कार्यकलाप तय हुए।
* आपसी सुलह को सुदृढ़ करने के लिए एफएआरसी द्वारा यह सोचा गया कि कैसे आर्ट ऑफ लिविंग के ध्यान और प्राणायाम के कार्यक्रमों को आम जीवन में शामिल कर अपने ऋणात्मक विचारों से मुक्ति मिल सके और कुछ रचनात्मक पहल की जाए।
* एफएआरसी के सदस्यों द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग की तकनीकों को बारीकी से व्यक्तिगत रूप से अपनाया तो उन्हे तत्काल लाभ मिला। उन्होंने स्वयं को आराम में और शांत पाया।
* कोलम्बियन सरकार के सदस्यों द्वारा भी हवाना और बोगोटा में आर्ट ऑफ लिविंग की तकनीकों से से स्वयं को परिचय करवाया और यह महसूस किया गया कि यही वह एक सूत्र है, जो समाज के हर पक्ष के लिए आवश्यक है।