नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ जाने का रास्ता खुला रखा है। यह दावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने 'इकोनॉमिक टाइम्स' को दिए एक इंटरव्यू में किया है।
उन्होंने कहा कि लालू के कुछ वरिष्ठ सहयोगी केंद्र सरकार में शामिल बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं से मिले। उन्होंने लालू की बेनामी संपत्ति मामले में मदद करने पर बीजेपी को बिहार में सरकार गिराने का ऑफर भी दिया।
अखबार ने सुशील मोदी से जब महागठबंधन के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि नीतीश और लालू के बीच पहले दिन से ही कोई मेल नहीं है। 17 महीनों की सरकार में कई मुश्किलें रहीं। यह सरकार अब तक आपसी झगड़े की वजह से कोई बोर्ड या कमीशन नहीं बना पाई। मैं नीतीश का मिजाज और उनकी कार्यशैली जानता हूं, वे लालू के साथ कभी सहज नहीं हो सकते। कई मामलों में प्रधानमंत्री का समर्थन करके नीतीश ने कांग्रेस को संदेश दिया है कि वे उनकी हां में हां मिलाने वाले नहीं है।
सरकार के भविष्य के बारे में पूछने पर सुशील मोदी ने कहा कि लालू के बेटों को लेकर जिस तरह के हालात बन रहे हैं, मैं नहीं समझता कि यह सरकार लंबे समय तक चलने वाली है। मैं नीतीश के स्वभाव को जानता हूं। वे अपनी कैबिनेट में ऐसे दागी लोगों को रखना नहीं चाहेंगे।
लालू परिवार के बिजनेस सौदों के खुलासों को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत सारे पेपर हमें सरकार के भीतर से मिले हैं। संभव है कि ऐसे पेपर देने से पहले नीतीश की सहमति ली गई हो। एक बात और, लालू के कुछ वरिष्ठ सहयोगी केंद्र सरकार में शामिल बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं से मिले। वह भी 1 बार नहीं, 2 बार। उन्होंने लालू फैमिली के बेनामी मामलों में मदद मांगी और वादा किया कि एक बार मामले रफा-दफा हो जाएं तो नीतीश सरकार को गिराने में वे बीजेपी की मदद कर देंगे। मगर बीजेपी नेताओं ने सीधे मना कर दिया और कह दिया कि सरकारी एजेंसी की कार्रवाई में वे दखल नहीं दे सकते।
सरकार बचाने में बीजेपी के रुख के बारे में मोदी ने कहा कि एलजेपी के नेता रामविलास पासवान पहले ही खुले तौर पर नीतीश को साथ आने और एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव दे चुके हैं। ऐसे हालात अगर पैदा होते हैं तो हमारा संसदीय बोर्ड इस बारे में फैसला करेगा। नीतीश भी इस पर नजर बनाए हुए हैं, उन्होंने बीजेपी के लिए रास्ता दिया है। (एजेंसी)