नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक पर सभी पक्षों की दलील पूरी होने के बाद गुरुवार को फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश जेएस केहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ 11 मई से रोजाना इस मामले की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई आज पूरी होने के बाद पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
सरकार की तरफ से महाधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सोमवार को सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि यदि शीर्ष न्यायालय तीन तलाक की प्रथा खत्म करता है तो सरकार तीन तलाक और बहुविवाह के नियमन के लिए कानून बनाने को तैयार है।
इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता सायरा बानू की तरफ से आज अमित चड्ढा ने पीठ के समक्ष अपनी दलील रखी। उन्होंने कहा कि उनकी राय में तीन तलाक पाप है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से मंगलवार को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने तीन तलाक को 1400 वर्ष पुरानी आस्था से जुड़ी प्रथा बताया था। (वार्ता)