UPSC canceled candidature of Pooja Khedkar: संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) ने ट्रेनी आईएएस (IAS) पूजा खेडकर के खिलाफ कड़ा एक्शन लेते हुए उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी है। इसके साथ ही आयोग ने खेडकर पर यूपीएससी परीक्षा देने पर भी रोक लगा दी है। अब वह ट्रेनी आईएएस नहीं रहेंगी। खेडकर पर दिव्यांगता और ओबीसी कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। दूसरी ओर, गिरफ्तारी से बचने के लिए पूजा द्वारा लगाई गई याचिका पर दिल्ली की 1 अगस्त को फैसला सुना सकती है।
आयोग ने एक बयान में कहा कि यूपीएससी ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच-पड़ताल की है और उन्हें सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। इसमें कहा गया है कि सीएसई-2022 (सिविल सेवा परीक्षा-2022) के लिए उनकी अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और भविष्य में किसी भी परीक्षा में उनके शामिल होने या चयन पर स्थायी रूप से रोक लगा दी गई है।
पूजा को जारी किया था नोटिस : आयोग ने कहा कि पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को अपनी पहचान फर्जी बताकर परीक्षा के लिए स्वीकृत सीमा से अधिक अवसर धोखाधड़ी से प्राप्त करने को लेकर 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था। बयान में कहा गया है कि उन्हें 25 जुलाई तक एससीएन पर अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपना जवाब देने के लिए आवश्यक दस्तावेज जुटाने के वास्ते 4 अगस्त तक का समय मांगा।
आयोग ने कहा कि यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई को अपराह्न साढ़े तीन बजे तक अपना जवाब देने के लिए अंतिम मौका दिया था, लेकिन वह निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहीं।
पूजा को गिरफ्तारी का डर : अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर अर्जी पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है। खेडकर ने अपने वकील के माध्यम से दायर अर्जी में दावा किया कि उन्हें गिरफ्तारी का आसन्न खतरा है। कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष के साथ-साथ यूपीएससी की ओर से उपस्थित हुए वकील ने अर्जी का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने व्यवस्था को धोखा' दिया है। ALSO READ: क्या UPSC में मां-बाप के तलाक से स्टूडेंट को मिलता है रिजर्वेशन? पूजा खेडकर केस से नियम आया चर्चा में
यूपीएससी की ओर से पेश वकील ने अदालत के समक्ष दावा किया कि खेडकर कानून और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। उनके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की आशंका अभी भी बनी हुई है। वह एक साधन संपन्न व्यक्ति हैं। ALSO READ: पूजा खेडकर के खिलाफ FIR, UPSC ने दिया कारण बताओ नोटिस
ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर का गलत सर्टिफिकेट : पिछले कुछ समय से पूजा खेडकर विवादों में घिरी हुई हैं। पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विजय कुंभार ने खेडकर की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया था कि वह ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर में नहीं आती हैं क्योंकि उनके पिता के पास 40 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। उन्होंने कहा कि अगर नियमों को देखा जाए तो केवल वे ही व्यक्ति ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर की कैटेगरी में आते हैं। जिनके माता-पिता की इनकम 8 लाख रुपए सालाना होती है। उनके माता-पिता ने हाल ही में लोकसभा चुनाव लड़ा था और हलफनामे में पूरी संपत्ति की जानकारी है। ALSO READ: खुद पर लगे आरोपों को IAS पूजा खेडकर ने किया खारिज, बोली दोषी साबित होने तक मैं निर्दोष
कौन हैं पूजा खेडकर : पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। पूजा ने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 841 हासिल की थी। पूजा सबसे पहले उस समय चर्चा में आईं जब उन्होंने लाल-नीली बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल किया। इससे भी ज्यादा विवाद तब हुआ जब उन्होंने प्रशासन से ऐसी सुविधाओं की मांग की जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलतीं। ALSO READ: UPSC में क्रीमी और नॉन क्रीमी लेयर क्या होता है? जिसका ट्रेनी IAS पूजा खेडकर ने किया दुरुपयोग
पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे की सामान्य प्रशासन विभाग को दी गई रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेनी के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही पूजा ने अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराने की मांग की थी। खेडकर के पिता भी सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए भी कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र पेश किया था। इसी के साथ उसने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी दिया था।