Uttarkashi tunnel news : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के एक हिस्से के रविवार सुबह अचानक ढहने से उसमें 36 श्रमिक फंस गए। सभी मजदूर सुरक्षित हैं और इन्हें बाहर निकालने के लिए युद्धस्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चलाया जा रहा है।
सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच बन रही सुरंग का निर्माण कर रही एजेंसी ने बताया कि सुरंग में फंसे लोगों ने पाइप से पानी बाहर गिराया है जिससे संकेत मिला है कि वे सभी सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि मक (कीचड़ वाला मलबा) निकालने का काम तेजी से किया जा रहा है और हमें लग रहा है कि अब हम ज्यादा दूर नहीं है।
सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है। सुरंग के ढहे हिस्से तक ऑक्सीजन पाइप पहुंचा दी गई है ताकि वहां फंसे लोगों को सांस लेने में दिक्कत न हो। सुरंग के अंदर खाद्य सामग्री भी पहुंचाई जा रही है और श्रमिकों को जल्द बाहर निकाल लिया जाएगा।
पुलिस, NDRF, SDRF, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के कर्मचारी मलबा हटाने और सुरंग खोलने के काम में जुटे हुए हैं। सीमा सड़क संगठन और भारत तिब्बत सीमा पुलिस की टीमें भी मौके पर पहुंची जिससे बचाव एवं राहत कार्य में और तेजी आई।
बताया जा रहा है कि हादसा सिलक्यारा की तरफ रविवार सुबह 6-7 बजे के बीच हुआ। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, एनएचएआई के मुख्य महाप्रबंधक विशाल गुप्ता तथा एनडीआरएफ के सेकंड इन कमांड रविशंकर बधानी भी बचाव एवं राहत कार्य की निगरानी करने के लिए मौके पर मौजूद हैं।
टनल बना रही नवयुग इंजीनियरिंग के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं। चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा।