अयोध्या विवाद के बारे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि इस निर्णय ने हिन्दुओं के इस अधिकार की पुष्टि कर दी है कि विवादित स्थल के गर्भगृह में भव्य राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए।
इस फैसले पर विचार के लिए हुई भाजपा के कोर समूह की बैठक के बाद 1990 के दशक में राम मंदिर निर्माण का आंदोलन शुरू करने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपने दल की ओर से दिए बयान में कहा कि जहाँ तक निर्णय का सवाल है, इसमें गर्भगृह में भव्य राम मंदिर निर्माण के हिन्दुओं के अधिकार की पुष्टि की है, यह भगवान राम के जन्मस्थल पर भव्य मंदिर निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आडवाणी ने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और उसके द्वारा कार्य में लगाई गई अन्य विशेषज्ञ एजेंसियों का स्पष्ट विचार है कि जिस स्थान पर विवादास्पद ढाँचा था, वहाँ हिन्दू धार्मिक ढाँचे के अवशेष थे। उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि यह निर्णय राष्ट्रीय एकता का नया अध्याय और संप्रदायों के बीच रिश्तों के नए युग का प्रारंभ करेगा।
पार्टी ने इस बात पर संतोष जताया कि राष्ट्र ने परिपक्वता के साथ इस निर्णय को स्वीकार किया। आडवाणी के निवास पर हुई कोर ग्रुप की इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी, सुषमा स्वराज, अरूण जेटली, मुरलीमनोहर जोशी, अनंत कुमार तथा नजमा हेपतुल्ला आदि वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में जेटली ने फैसले के महत्वपूर्ण अंशों को पढ़कर सुनाया। (भाषा)