2 जुलाई 2021 को यानी आज शीतलाष्टमी/बसौरा पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन व्रत करने से शीतला जनित बीमारियों से छुटकारा मिलता है। इस पूजन में शीतल जल और बासी भोजन का भोग लगाने का विधान है। हिंदी पंचाग के अनुसार शीतलाष्टमी चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। शीतली अष्टमी त्योहार व्यक्ति को रोगों के संक्रमण से बचाने के लिए किया जाता है। आषाढ़ माह की अष्टमी 2 जुलाई 2021 को है। आइए जानें क्या करें और क्या न करें...
क्या करें-
1. इस दिन सुबह ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए।
2. इसके बाद मंदिर जाकर माता शीतला की पूजा करें।
3. माता शीतला को जल अर्पित करें और उसकी कुछ बूंदे अपने ऊपर भी डालें।
4. जो जल चढ़ाएं और चढ़ाने के बाद जो जल बहता है, उसमें से थोड़ा जल लोटे में डाल लें। यह जल पवित्र होता है। इसे घर के सभी सदस्य आंखों पर लगाएं। थोड़ा जल घर के हर हिस्से में छिड़कना चाहिए। इससे घर की शुद्धि होती है पॉजिटिव एनर्जी आती है।
5. सबसे पहले माता शीतला को हल्दी और रोली का तिलक लगाएं।
6. माता शीतला का तिलक करने के बाद काजल, मेहंदी, लच्छा और वस्त्र अर्पित करें।
7. इसके बाद माता शीतला की कथा अवश्य पढ़ें या सुने।
8. कथा पढ़ने के बाद माता शीतला को भी मीठे चावलों का भोग लगाएं।
9. रोगों को दूर करने वाली मां शीतला का वास वट वृक्ष में माना जाता है, अतः इस दिन वट पूजन भी भी करना चाहिए।
क्या न करें-
1. बसौड़ा वाले दिन गरम पानी से नहीं नहाना चाहिए।
2. जिन माताओं के बच्चे अभी माता का दूध पीते हो उन्हें बसौड़ा के दिन नहाना नहीं चाहिए।
3. इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलता है और न ही घर में ताजा भोजन बनाया जाता है। अत: इस बात का ध्यान रखें।
4. इस दिन विशेष ध्यान रखा जाता है कि परिवार का कोई भी सदस्य गलती से भी गरम भोजन न ग्रहण करें।