श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना हुआ इंदिरा रसोई योजना का नाम
8 रुपए प्रति प्लेट के हिसाब से मिलता है खाना
25 रुपए आता है एक थाली बनाने का खर्च
Rajasthan news in hindi : राजस्थान की भजनलाल सरकार ने इंदिरा रसोई योजना का नाम बदलकर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया। मुख्यमंत्री भजनलाल ने पीएम मोदी की उपस्थिति में यह घोषणा की।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इंदिरा रसोई योजना की कमियों को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के सामने यह फैसला किया। योजना का नाम बदल कर श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना कर दिया गया।
अशोक गहलोत सरकार ने अगस्त 2020 में 8 रुपए प्रति प्लेट के हिसाब से खाना उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा रसोई योजना शुरू की थी। इसका उद्देश्य था कि राज्य में कोई भूखा न सोए।
कहा जाता है कि इससे पहले वसुंधरा सरकार में भी यह योजना अन्नपूर्णा योजना के नाम से चलती थी। गहलोत सरकार ने 5 रुपये में नाश्ता और 8 रुपये में खाना खिलाने वाली योजना का नाम बदलकर इंदिरा रसोई कर दिया था। वसुंधरा सरकार गाड़ियों में रसोई चलाई थीं, लेकिन गहलोत ने सत्ता में आने पर इसे स्थायी रसोई में बदल दिया।
क्या है योजना में खास : राजस्थान सरकार ने 20 अगस्त को 2020 को इंदिरा रसोई योजना को कोरोनावायरस संक्रमण के समय लोगों की खाने-पीने की समस्या को देखते हुए शुरू किया गया था। इस योजना के माध्यम से राजस्थान में गरीब लोगों को 8 रुपए में एक वक्त का ताजा और पौष्टिक खाना सम्मान पूर्वक एक जगह बैठाकर खिलाया जाता है। भोजन की थाली में 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती और आचार शामिल होता है।
इस योजना के माध्यम से प्रतिदिन 1.34 लाख लोगो और प्रतिवर्ष 4.87 लोगों को भोजन की थाली परोसने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक थाली पर 25 रुपए का खर्च आता है जिसमें 17 रुपए राज्य सरकार वहन करती हैं और 8 रुपए लाभार्थी से लिए जाते हैं।