जम्मू। जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार की नमाज के मद्देनजर वादी में लोगों की आवाजाही और संयुक्त राष्ट्र सैन्य निगरानी समूह कार्यालय तक अलगाववादियों के प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर लगाई गई कड़ी पाबंदी के 1 दिन बाद शनिवार को कश्मीर के अधिकतर इलाके से पाबंदियां हटा ली गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोगों को निर्बाध तरीके से आवाजाही की अनुमति दी गई है, हालांकि सुरक्षा बलों की तैनाती बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि अधिकतर इलाकों से बैरिकेड्स हटा लिए गए हैं, लेकिन शहर के कुछ इलाकों में सड़कों पर और घाटी में दूसरी जगहों पर कंटीले तार लगे हुए हैं। पहचान पत्रों की जांच करने के बाद ही लोगों को आने-जाने की इजाजत दी जा रही है। हालांकि आम नागरिकों का कहना था कि धारा 144 के बावजूद पुलिसकर्मी लोगों से आवाजाही के लिए कर्फ्यू पास की मांग करते थे, जो अजीब-सा अहसास करवाता था।
अधिकारियों ने दावा किया कि शुक्रवार को स्थिति शांतिपूर्ण रही और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। पर अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक कुछ घायल अस्पताल में लाए गए थे, जो कुछ स्थानों पर हुए लाठीचार्ज में जख्मी हो गए थे।
जुमे के बाद जमा होने वाली भीड़ और अलगाववादियों द्वारा लोगों से सोनोवार में संयुक्त राष्ट्र सैन्य पर्यवेक्षक समूह (यूएनएमओजीआईपी) के स्थानीय कार्यालय तक मार्च की अपील के बाद शुक्रवार को पाबंदियां लगाई गई थीं।
बहरहाल, शनिवार को गाड़ियों की आवाजाही भी बढ़ गई और दफ्तरों में भी लोगों की उपस्थिति बढ़ी। लगातार 20वें दिन कश्मीर में बाजार बंद रहे। दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान भी नहीं खुले और सड़कों से सार्वजनिक परिवहन भी नदारद रहे।
हालांकि, शहर के बटमालू और लाल चौक इलाके में कुछ दुकानदारों ने अपने स्टॉल लगाए। अधिकारियों ने बताया कि 5 अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद से मोबाइल और इंटरनेट सेवा ठप है तथा कुछ स्थानों पर लैंडलाइन टेलीफोन सेवा बहाल कर दी गई है, हालांकि लाल चौक और प्रेस इनक्लेव में सेवा ठप है।