जम्मू और कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं महबूबा मुफ्ती

सोमवार, 4 अप्रैल 2016 (11:10 IST)
श्रीनगर/जम्मू। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती सोमवार को जम्मू और कश्मीर की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और अब वे भाजपा के साथ गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगी।  राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने 56 साल की महबूबा मुफ्ती को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। वह राज्य की 13वीं मुख्यमंत्री हैं जबकि देश की 16वीं महिला मुख्यमंत्री हैं। महबूबा के बाद भाजपा के निर्मल सिंह ने शपथ ली।

 

महबूबा के साथ कुल 22 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली। विधायकों ने हिंदी के अलावा कश्मीरी, पंजाबी और अंग्रेजी में शपथ ली। 22 मंत्रियों में 3 महिलाएं भी।

महबूबा मंत्र‍िमंडल में शामिल किए गए भाजपा विधायक चौधरी लाल सिंह ने डोगरी भाषा में शपथ ली तो पीडीपी के सैयद बशारत अहमद बुखारी ने कोशुर भाषा में शपथ ली, जिसे कश्मीरी के रूप में जानते हैं। पीडीपी-बीजेपी गठबंधन के पास राज्य के 87 में से 56 विधायकों का समर्थन है। पीडीपी की राज्य में 27 और भाजपा की 25 सीटें हैं। सरकार को सज्जाद गनी लोन की पार्टी पीपल्स कॉन्फ्रेंस के 2 और 2 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है।

22 मई, 1959 को कश्मीर के बिजबिहाड़ा में जन्म लेने वाली महबूबा ने कश्मीर विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की है। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी महबूबा पहली बार उस समय चर्चा में आई थीं, जब उन्होंने 1996 में कांग्रेस की टिकट पर बिजबिहाड़ा (अनंतनाग) से विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद 1999 में पीडीपी का गठन हुआ और उन्होंने 2002 में एक बार फिर अपनी पार्टी की टिकट पर वाची (शोपियां) से चुनाव लड़ा।

शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम 
डॉक्टर निर्मल सिंह
अब्दुल रहमान भट्ट
चन्द्र प्रकाश गंगा
गुलाम नबी लोंन
बाली भगत
अब्दुल हक खान
चौधरी लाल सिंह ( पंजाबी में शपथ ली)
सैयद बशारत बुखारी – कश्मीरी (डोगरी) में शपथ
सज्जाद लोन (इंग्लिश में शपथ ली)
हसीब ए द्राबू (इंग्लिश में शपथ ली)
शेरिंग डोरजे (इंग्लिश में शपथ ली)
चौधरी जुल्फिकार अली
श्याम लाल चौधरी
नईम अख्तर अंद्राबी
अब्दुल गनी कोहली
इमरान रजा अंसारी
आशिया नकाश
सुनील कुमार शर्मा (शपथ की आखिरी में जय हिन्द बोला)
सैयद फारुख अहमद अंद्राबी
श्रीमती प्रिया सेठी (शपथ की आखिरी में जय हिन्द बोला)
जहूर अहमद मीर
अजय नंदा (शपथ की आखिरी में जय हिन्द बोला)
 
2004 में उन्होंने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग संसदीय सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीतकर संसद भवन पहुंच गई। 2014 में हुए संसदीय चुनावों में एक बार फिर वह सांसद चुनी गई। महबूबा उस समय राज्य में सत्ता की बागडोर संभालने जा रही हैं, जब अलगाववादी मुखर हैं और लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। वह अपनी छवि से विपरीत सोच रखने वाली भाजपा के साथ सरकार बनाने जा रही हैं। 20 वर्षो में वह विधायक व सांसद जरूर रहीं, लेकिन कभी मंत्री नहीं बनी हैं।
 
महबूबा से पहले सैयदा अनवरा तैमूरा सन् 1980 में असम की पहली मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री बनी थीं और वे 30 जून 1981 तक इस पद पर रहीं।
 
राज्यपाल एनएन वोहरा ने रविवार को पीडीपी अध्यक्ष को राज्य में पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने और सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि महबूबा मुफ्ती को सरकार बनाने के लिए राज्यपाल द्वारा इस बारे में उनकी पीडीपी और भाजपा से राज्य में सरकार के गठन के बारे में हुई चर्चा और उनके तथा राज्य भाजपा अध्यक्ष सत शर्मा से प्राप्त संदेश के बाद निमंत्रण दिया गया है।
 
ऐसा कहा जा रहा है कि विचारधारा के स्तर पर एक-दूसरे से विपरीत रुख रखने वाले ये दोनों दल अगर विवादों को दूर रखते हैं तो राज्य में पीडीपी-भाजपा सरकार सामान्य रूप से कामकाज कर सकती है। मुफ्ती मोहम्मद सईद का 7 जनवरी को निधन हो गया था।
 
पीडीपी-भाजपा गठबंधन में सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस भी एक घटक है और 87 सदस्यीय विधानसभा में इस गठबंधन के विधायकों की संख्या 56 है। विधानसभा में पीडीपी के 27 विधायक हैं जबकि भाजपा के 25 और पीपुल्स कांफ्रेंस के 2 विधायक है और 2 निर्दलीय इस गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं। 

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