दमन और दीव के समुद्री तट

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दमन और दीव गुजरात के जूनागढ़ और महाराष्ट्र के मुंबई के समीप अरब सागर में स्थित द्वीप समूह हैं। यह भारत का एक केन्द्र शासित प्रदेश है। यहां की राजधानी सिलवासा है

दमन के तट : केंद्र शासित प्रदेश दमन पहले पुर्तगालियों के कब्‍जे में था, इसीलिए इसकी राजधानी पहले गोवा की राजधानी हुआ करती थी। 1961 में गोवा और दमन को पुर्तगालियों से मुक्त कराया गया। 1987 ई. में इसे अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया, जिसमें दीव को भी शामिल किया गया। दमन 2000 वर्ष से भी अधिक की समृद्ध ऐतिहासिक विरासत वाला भारतीय प्रदेश है।

दमन में पूरे वर्ष सुहाना मौसम रहता है। यहां का सुंदर और सुरक्षित मनोरंजन पार्क अपने संगीतमय फव्‍वारों से आने वाले पर्यटकों का सप्‍ताहांत सुखद बना देते हैं और यहां बच्‍चों के लिए भी कई प्रकार की मनोरंजक गतिविधियां उपलब्‍ध है।

यहां पर्यटकों के लिए सुहाने मौसम के साथ सुंदर और सुरक्षित मनोरंजन पार्क है और एक विशाल दमनगंगा नदी। यह नदी दमन को दो भाग में बांटती है- नानी दमन (छोटा दमन) तथा मोती दमन (बड़ा दमन)।

पुर्तगालियों ने यहां के हिन्दुओं को ईसाई बनाकर भव्य चर्च खड़े किए, जिसमें सबसे प्रसिद्ध चर्च है- कैथेडरल बोल जेसू। मोती दमन में इस तरह के अनेक चर्च है। नानी दमन में संत जेरोम का किला जो 1614 ई. से 1627 ई. के बीच बना था। दरअसल, मुगलों से बचने के लिए इसका निर्माण हुआ था।

 
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दमन में पर्यटकों के रूकने, घुमने और समुद्र में सैर करने की सभी तरह की सुविधाएं और व्यवस्थाएं हैं। यहां पर प्रमुख दो तट है- देविका तट और जैमपोरे तट

देविका तट : इस तट पर स्‍नान नहीं करना चाहिए क्‍योंकि यहां के पानी के अंदर बड़े और छोटे सभी तरह के पत्‍थर ही पत्थर है। यहां पर दो पुर्तगाली चर्च भी हैं। यह तट दमन से 5 किलोमीटर उत्तर में स्थित है।

जैमपोरे तट : पिकनिक स्‍पॉट के लिए प्रसिद्ध यह तट नानी दमन के दक्षिण में स्थित है। यहां से समुद्र का नजारा बहुत ही सुंदर नजर आता है।

दीव के तट :
दीव के तटों पर केसरी सूर्य, सुनहरी रेत और नीले रंग के समुद्र का दिव्य मिलन नजर आता है। यहां सुंदर नजारों के साथ प्रकृति के संगीत का आनंद लिया जा सकता है। दीव पर पुर्तगालियों द्वारा बनाए गए किलों और विशाल गिरजाघरों को भी देखा जा सकता है। यहां पर प्रमुख 6 तट हैं- देवका तट, जामपोर तट, चक्रतीर्थ तट, गोमटीमाला तट, वनकभारा तट और नागोआ तट।

देवका तट- बच्चों के लिए इस तट पर भरपूर मनोरंजन के साधन है- जैसे मनोरंजन पार्क, कलरफूल वॉटर फाउंटेन और सबसे खास खच्चर पर बैठकर समुद्र के किनारों की सैर करना। यही पर ठहरने और घुमने की सारी व्यवस्थाएं हैं।

जामपोर तट : पाम के ढे़र सारे वृक्षों से लदा यह तट तैराकों के लिए सबसे अच्छा है। यह तट मन को पूरी शांति और आनंद देने में सक्षम है। यहां की शांत और ठंडी हवा के साथ झूमते हुए वृक्ष, लहराती लहर और आकाश में इठलाते बादल को निहारना सचमुच ही अद्भुत है।

चक्रतीर्थ तट : छुट्टियां बिताने के लिए यह तट आपके लिए सभी सुविधाएं जुटाता है। यहां के पहाड़ी और सुंदर वृक्षों से निर्मित जंगल क्षेत्र तथा समुद्र के साथ ही आप प्राचीन शिव मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इसे पश्चिमी भारत का एक शानदार पर्यटन स्‍थल कहा जा सकता है।

गोमटीमाला तट : सुंदर, शांत और सफेद रेत वाला तट लोगों के तैरने के लिए सुरक्षित है। यह दीव के मुख्‍य शहर से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

नागोआ तट : इस तट पर पाम के वृक्षों की लंबी कतार देखकर ऐसा लगता है मानो सभी वर्षों से खड़े रहकर समुद्र को निहार रहे हो। लगभग वीरान और अलग-थलग पड़ा यह तट सचमुच ही ध्यान के लिए उपयुक्त है। इस अछूते तट के पानी की ताजगी हमारे मन के किसी निर्मल कोने की तरह है। यह दीव से केवल 20 मिनट की दूरी पर है।

वनकभारा तट : इस तट आपकी निजता, तैराकी और पिकनिक के लिए सर्वोत्तम स्थान है, जहां सुंदरता और प्राकृतिक दृश्‍यों का अनुकूल परिवेश है।

- अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

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