लखनऊ। पुराने बड़े नोट बंद करने के भारत सरकार के फैसले का असर यहां जूनियर हाकी विश्व कप में भाग ले रही विदेशी टीमों पर भी पड़ा है।
भारत सरकार ने पिछले महीने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का फैसला किया था। बैंको और एटीएम में नकदी की कमी का असर भारत आए विदेशियों पर पड़ा है।
जर्मनी के कोच वालेंटिन अल्टेनबर्ग ने कहा कि भारत में नकदी की कमी से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में दिक्कत आई । हमें बैंक तलाशने पड़े जहां से हम मुद्रा विनिमय कर सके। हमारे लिए यह काफी मुश्किल हो गया है। बाद में हमें एक बैंक से वैध मुद्रा मिली लेकिन वह काफी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि हमें होटल, खान पान और यात्रा के खर्च नहीं उठाने हैं। लड़के खरीदारी के लिये कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन कई बार सड़क पर छोटी दुकानों से कोई उपहार वगैरह खरीदना कठिन हो जाता है क्योंकि हर कोई कार्ड से भुगतान नहीं लेता।
उन्होंने कहा कि लेकिन मैने सुना है कि इस फैसले से भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा तो यह अच्छा फैसला है।
आस्ट्रेलियाई कोच बेन बिशप ने कहा कि हमें शुरुआत में तकलीफ हुई थी। स्थानीय आयोजकों ने कुछ पैसे जुटाने में मदद की लेकिन वह नाकाफी था।
कनाडा के कोच इंडी सेम्बी ने कहा कि मुझे इस मसले की जानकारी नहीं है लेकिन कुछ खिलाड़ियों को दिक्कत हुई। अब उनके पास बहुत कम पैसा है। दिक्कत यह है कि कुछ खिलाड़ियों के रिश्तेदार भारत में है और वे टूर्नामेंट के बाद उनसे मिलना चाहते हैं। ऐसे में नकदी नहीं होने से परेशानी होगी। (भाषा)