मुंबई। रिजर्व बैंक के नोटबंदी के मद्देनजर विकास अनुमान को आधा प्रतिशत घटाने तथा नीतिगत दरों को यथावत बनाए रखने से घरेलू शेयर बाजार लगातार 2 दिन की तेजी खोता हुए बुधवार को गिरावट लेकर बंद हुए।
एशियाई और यूरोपीय बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों से बुधवार को शेयर बाजार हरे निशान में थे लेकिन जैसे ही रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की ऋण एवं मौद्रिक नीति की 5वीं द्विमासिक समीक्षा जारी की, बाजार में बिकवाली शुरू हो गई।
इसका सबसे अधिक असर रियल्टी और बैंकिंग समूह में हुआ जिससे बीएसई का सेंसेक्स 155.89 अंक यानी 0.59 फीसदी की गिरावट के साथ 26,236.87 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 41.10 अंक यानी 0.50 फीसदी लुढ़ककर 8102.05 अंक पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक के ब्याज दरों में कम से कम एक चौथाई फीसदी की कटौती की उम्मीद की जा रही थी और इसी के बल पर सेंसेक्स सुबह 63.45 अंक की बढ़त के साथ 26,456.21 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 26,540.83 अंक के दिवस के उच्चतम स्तर पर पहुंचा लेकिन अपराह्न में आरबीआई की मौद्रिक नीति जारी होने के बाद यह बड़ी तेजी में अपनी बढ़त खोता हुआ 26,164.82 अंक के दिवस के निचले स्तर तक चला गया। कारोबार समाप्ति पर यह गत दिवस की तुलना में 155.89 अंक की गिरावट के साथ 26,236.87 अंक पर बंद हुआ।
निफ्टी में भी यही रुख देखा गया। यह भी 25.25 अंक की तेजी के साथ 8,168.40 अंक पर खुला और कारोबार के दौरान 8,190.45 अंक के उच्चतम स्तर तक गया। कारोबार के उत्तरार्द्ध में इसने भी तेज गोता लगाया और 8100 के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 8077 तक आ गया। कारोबार समाप्ति पर यह 8100 के आंकड़े को पार करने में सफल रहा और गत दिवस की तुलना में 0.50 फीसदी की गिरावट के साथ 8,102.05 अंक पर बंद हुआ।
बड़ी कंपनियों और मंझोली कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों में अधिक बिकवाली हुई। बीएसई का मिडकैप 19.80 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 12,324.54 अंक पर तथा स्मॉलकैप 0.51 प्रतिशत यानी 62.34 अंक लुढ़ककर 12,101.77 अंक पर बंद हुआ। बीएसई में कुल 2,789 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1,086 में तेजी तथा 1,521 में गिरावट रही जबकि 182 में कोई बदलाव नहीं हुआ। (वार्ता)