कहते हैं कि जब जोश जुनून हो तो उसे प्रकृति के दिए जख्म की भी परवाह नहीं होती। कदम मंजिल की ओर बढ़ते चले जाते हैं। ऐसे ही चलने-फिरने में आने वाली मुश्किलों का सामना करने वाले चार डिसेबल स्पाइनल इंज्यूरी से पीड़ित अरविंद प्रभु, निशांत खाडे, सुनिता संचेती और पोलियो से पीड़ित नीनू केलवानी व्हील चेयर पर बैठकर देश का भ्रमण करने निकल पड़े।
कार से यात्रा कर रहे यात्रियों ने इंदौर प्रवास के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि देश के पर्यटन स्थलों पर जितनी ज्यादा जगह डिसेबल फ्रेंडली बनेंगी पर्यटकों की संख्या में उतना ही इजाफा होगा।
देश में अपंगों की संख्या बहुत है, कितने पर्यटन स्थलों पर अपंग लोगों के लिए क्या और कैसी सुविधाएं हैं? यही जानने के उद्देश्य से वे भ्रमण पर निकले हैं।
28 सितंबर को मुंबई से शुरू हुई यात्रा 28 राज्यों की राजधानियों और करीब 40 शहरों से होते हुए 16 हजार किलोमीटर का सफर 31 दिनों में तय करेगी।