पर्यटन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा

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प्रतिवर्ष 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1980 से विश्व में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विश्व पर्यटन दिवस आयोजित करने की शुरुआत 27 सितंबर को ही की थी, तब से लेकर आज तक निरंतर विश्व पर्यटन दिवस सभी विश्व के संगठन के देश मनाते चले आ रहे हैं।

देश का पर्यटन उद्योग आने वाले वर्षों में छलांग लगाने की तैयारी में है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन के साथ उसके राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति विश्व समुदाय को जागरूक करने के साथ-साथ पर्यटन से अपने देश की आय को बढ़ाना है। पर्यटन पर 12वीं योजना के लिए कार्यसमूह ने 12वीं पंचवर्षीय योजनावधि में पर्यटन के विकास व संवर्धन के लिए 22,800 करोड़ रुपए आवंटित करने की सिफारिश की है, जो 11वीं योजना के लिए आवंटित 5,156 करोड़ रुपए के मुकाबले चार गुना से अधिक है।

इसके अलावा, पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण ढांचागत क्षेत्र के सुधार पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान देने एवं विभिन्न राज्यों द्वारा पर्यटन स्थलों को लोकप्रिय बनाने की पहल से इस क्षेत्र को जबरदस्त प्रोत्साहन मिलेगा।

पर्यटन मंत्री सुबोधकांत सहाय के मुताबिक, ‘भारत ने 2016 तक पर्यटन क्षेत्र में 12 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा है। अगर यह हासिल हो जाता है तो हम ढाई करोड़ अतिरिक्त रोजगार पैदा करने में समर्थ होंगे।’

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एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर्स ऑफ इंडिया (एडीटीओआई) के अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने कहा, ‘पर्यटन क्षेत्र को अभी तक सरकार द्वारा उद्योग का दर्जा नहीं दिया गया। लेकिन, हाल की गतिविधियों से लगता है कि सरकार पर्यटन क्षेत्र के महत्व को पहचान रही है। यही वजह है कि योजना आयोग ने भी आवंटन बढ़ाने की सिफारिश की है।’

पर्यटन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने से उत्तरप्रदेश घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने के मामले में आंध्र को पछाड़ कर 2011 में शीर्ष पायदान पर काबिज हो गया। इस दौरान उत्तरप्रदेश ने 15.54 करोड़ घरेलू सैलानी आकर्षित किए, जबकि 15.31 करोड़ घरेलू पर्यटकों के साथ आंध्रप्रदेश दूसरे पायदान पर रहा। 2010 में आंध्रप्रदेश पहले पायदान पर था।

इंडियन एसोसिएशन ऑफ टूर ऑपरेटर्स (आईएटीओ) के अध्यक्ष सुभाष गोयल ने कहा, ‘योजना आयोग द्वारा 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए आबंटन बढ़ा कर चार गुना से अधिक करने की सिफारिश से ग्रामीण पर्यटन, हुनर से रोजगार, कौशल विकास आदि पर खर्च बढ़ेगा और बड़ी संख्या में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।’

गोयल ने कहा, ‘इसके अलावा, राज्यों को उनकी पर्यटन विकास योजनाओं के लिए अधिक आवंटन संभव हो सकेगा, जिससे राज्य अपने पर्यटन स्थलों को तेजी से विकसित करेंगे।’ (वेबदुनिया/भाषा)

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