पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा छठघाट

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बिलासपुर के छठघाट में रविवार की शाम शहर के सैकड़ों नागरिकों ने अरपा की महाआरती उतारी। जैसे ही दीपों को नदी में प्रवाहित किया, अरपा का आंचल रोशनी से नहा उठा। नदी का नजारा ऐसा लग रहा था मानो आसमान से तारे उतरकर घाट पर आ गए हों। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने अरपा को सजाने, संवारने और प्रदूषणमुक्त रखने का संकल्प लिया।

छठघाट का माहौल शाम होते ही अरपा की श्रद्धा और भक्ति में डूबा रहा। सैकड़ों की संख्या में नागरिकों ने शाम को भक्तिभाव के साथ अंतः सलीला अरपा की आरती उतारी और नदी के पानी को शुद्ध रखने का संकल्प लिया। आरती समाप्त होते ही लोगों ने अपने दीए नदी में प्रवाहित किए। देखते ही देखते अरपा की पानी में सैकड़ों दीए तैरते नजर आए। रंगबिरंगी लाइटों के साथ हाइमास्ट लाइट भी यहां लगाई गई।

अरपा की महाआरती करने के बाद विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने छठघाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। इस बीच छठघाट के विकास का श्रेय लेने के लिए स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल और वाणीराव में नोकझोंक भी हुई।

अरपा की महाआरती में जिले के दिग्गज नेता छठघाट में एकत्रित हुए। सभी ने भक्तिभाव के साथ अरपा की महाआरती की। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने पाटलीपुत्र विकास संस्कृति मंच के इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इसे प्रदूषणमुक्त रखने का भी प्रयास करना चाहिए। यदि यह महाआरती हर महीने हो तो लोगों का इससे भावनात्मक जुड़ाव होगा।

महिलाएं बुधवार की सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देकर 36 घंटे का उपवास समाप्त करेंगी। छठघाट में इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पाटलीपुत्र विकास संस्कृति मंच के पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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