लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2022 के चुनाव को देखते हुए बहुजन समाज पार्टी ने प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या से विधानसभा चुनाव का आगाज करने के लिए ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किया था लेकिन अब बहुजन समाज पार्टी ने ब्राह्मण सम्मेलन का नाम बदलते हुए प्रबुद्ध वर्ग सम्मान विचार गोष्ठी कर दिया है।
माना जा रहा है कि नाम बदलने की मुख्य वजह हाई कोर्ट का 2013 का आदेश माना जा रहा है जिस आदेश में हाईकोर्ट ने यूपी में सियासी पार्टियों द्वारा जातीय आधार पर सम्मेलन- रैलियां व दूसरे कार्यक्रम आयोजित करने पर पाबंदी लगा दी थी।
जस्टिस उमानाथ सिंह और जस्टिस महेंद्र दयाल की डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि सियासी पार्टियों के जातीय सम्मेलनों से समाज में आपसी मतभेद बढ़ते हैं और यह निष्पक्ष चुनाव में बाधक बनते हैं।
अदालत ने जातीय सम्मेलनों पर पाबंदी लगाते हुए चुनाव आयोग और सरकार के साथ ही चार प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, बीजेपी, सपा और बसपा को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब कर लिया था और सभी से हलफनामा देने को कहा था।
गौरतलब है कि 23 जुलाई को अयोध्या से आगाज के बाद 29 जुलाई तक अलग-अलग ज़िलों में इस गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसमें 24-25 को अम्बेडकर नगर में कार्यक्रम होना है। उसके बाद 26 जुलाई को इलाहाबाद में गोष्ठी होगी, फिर 27 को कौशाम्बी, 28 को प्रतापगढ़ और 29 को सुल्तानपुर में कार्यक्रम होना है।
इन सभी कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि सतीश चंद्र मिश्रा रहेंगे। वहीं नकुल दुबे व अन्य बसपा के विधायक व सांसद मौजूद रहेंगे।