मथुरा में 17 बार चुनाव लड़ चुके फक्कड़ बाबा रामायणी का निधन

Webdunia
गुरुवार, 6 अगस्त 2020 (09:06 IST)
मथुरा (उप्र)। लोकसभा और विधानसभा का 17 बार चुनाव लड़ चुके तथा घर-घर जाकर बिना दक्षिणा मांगे रामायण पाठ करने वाले फक्कड़ बाबा रामायणी का पिछले मंगलवार को निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे। उन्होंने वर्ष 1977 से लेकर 2019 तक 8 बार मथुरा विधानसभा सीट से और 9 बार लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा।
 
कहा जाता है कि रामायणी को अपने गुरु के वचन पर विश्वास था कि वे 20वीं बार में चुनाव जीतेंगे, हालांकि ऐसा नहीं हो पाया। गोविंद नगर स्थित गर्तेश्वर मंदिर के पुजारी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन का पहला चुनाव लोकसभा सीट से 1977 में लड़ा था, जब देश में इंदिरा गांधी और कांग्रेस के खिलाफ माहौल था।
ALSO READ: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजीराव निलंगेकर का निधन, कोरोना संक्रमण को दी थी मात
उन्होंने बताया कि फक्कड़ बाबा रामायणी ने अंतिम चुनाव 2019 में हेमामालिनी के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ा। हालांकि उन्हें अपने 17 में से किसी भी चुनाव में कभी जीत हासिल नहीं हुई। यहां तक कि हर चुनाव में उनकी जमानत राशि जब्त हो जाती, लेकिन उन्होंने अपनी लगन कभी नहीं छोड़ी।
 
उन्होंने बताया कि बाबा को चुनाव लड़ने के पैसे उनके शिष्य और अनुयायी देते थे। वे तो सचमुच फक्कड़ थे। उनके अनुयायी चैतन्य कृष्ण उपमन्यु ने बताया कि वे मूलतः कानपुर के बिल्हौर तहसील के रहने वाले थे। उन्होंने बाल्यकाल में ही घर-परिवार त्याग दिया और संन्यासी हो लिए।
 
उनके शिष्य बताते हैं कि जीवन-यापन का साधन रामायण पाठ और कीर्तन करना था, लेकिन वे दक्षिणा मांगते नहीं थे तथा जो मिलता उसी में संतुष्ट हो लेते। उन्होंने बताया कि वे वर्षों से गर्तेश्वर मंदिर परिसर में ही प्रवास कर रहे थे, वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। आकाशवाणी के निकट स्थित मोक्षधाम पर कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए उनका अंतिम संस्कार किया गया। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख