Ghosi by-election: उत्तरप्रदेश में मंगलवार को घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए शाम 6 बजे तक 50 फीसदी से अधिक मतदान हुआ। मऊ के जिला सूचना अधिकारी डॉक्टर धनपाल ने मंगलवार की देर शाम बताया कि घोसी विधानसभा उपचुनाव में शाम 6 बजे तक औसत 50.30 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ और शाम 6 बजे तक चला।
इसके पहले प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया था कि शाम 5 बजे तक औसत 49.44 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाला। आयोग के अनुसार वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में घोसी में 58.53 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
रिणवा के मुताबिक घोसी उपचुनाव के लिए 239 मतदान केंद्र बनाए गए। उन्होंने बताया कि इस उपचुनाव में 4.30 लाख मतदाता मतदान के योग्य थे जिनमें 2.31 लाख पुरुष, 1.99 लाख महिलाएं और 9 अन्य शामिल थे। घोसी उपचुनाव में कुल 10 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
इस बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने उपचुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अरविंद कुमार सिंह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि घोसी विधानसभा क्षेत्र में मतदान संख्या 147 (मोहम्मदिया मदरसा, बड़ागांव, करीमुद्दीनपुर) पर मतदान अधिकारियों ने मुस्लिम मतदाताओं को वोट डालने से रोका।
सिंह ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में नाम होने के बावजूद मुस्लिम मतदाताओं को यह कहकर लौटाया गया कि उनका वोट पड़ चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब मतदाताओं ने इसका प्रतिरोध किया तो पुलिस और मतदान अधिकारियों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर अपशब्दों का प्रयोग कर उन्हें वहां से भगा दिया।
सपा नेता ने कहा कि किसी भी मतदाता को मताधिकार के इस्तेमाल से वंचित करना एक आपराधिक कृत्य है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मतदान संख्या 60 पर दौलतपुर के ग्राम प्रधान रवींद्र नाथ और मतदान संख्या 419 पर पोलिंग एजेंट धर्मेंद्र यादव को पुलिस पकड़ ले गई है और उन पर भाजपा के पक्ष में मतदान करने का दबाव बनाया गया। सिंह ने आयोग से इन घटनाओं का संज्ञान लेकर संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा के इन आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि घोसी उपचुनाव में भाजपा बहुमत से जीतेगी। लोग अपने मतों से भाजपा को आशीर्वाद देने के लिए बाहर आ रहे हैं। यह एकतरफा चुनाव है समाजवादी पार्टी ने चुनाव हारने के डर से ये आरोप लगाए हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी रिणवा ने बताया कि मतदान पर करीबी नजर रखने के लिए आयोग ने एक सामान्य प्रेक्षक, एक व्यय प्रेक्षक और एक पुलिस प्रेक्षक भी तैनात किया। उन्होंने कहा कि इसके अलावा 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट, दो जोनल मजिस्ट्रेट और 110 माइक्रो पर्यवेक्षकों की भी तैनाती की गई है।
रिणवा के अनुसार निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष, सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम एवं सुरक्षा व्यवस्था की। उन्होंने बताया कि मतदान के पर्यवेक्षण के लिए मतदान स्थलों पर 'लाइव वेबकास्टिंग' की व्यवस्था की गई थी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि उपचुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवानों की तैनाती की गई और 'स्ट्रांग रूम' की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को दी गई।
इस उपचुनाव को उत्तरप्रदेश में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी दलों के गठजोड़ 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव रिलायंस) के बीच पहली चुनावी भिड़ंत के तौर पर देखा जा रहा है। घोसी विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव राज्य में विपक्षी गुट 'इंडिया' के गठन और पूर्वी उत्तरप्रदेश में प्रभावशाली मानी जाने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राजग में शामिल होने के बाद हो रहा पहला चुनाव है।
घोसी से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक और अन्य पिछड़ा वर्ग के नेता दारा सिंह चौहान के गत जुलाई में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफे देने और भाजपा में शामिल होने के बाद इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार रहे दारा सिंह चौहान ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के विजय राजभर को 22,536 मतों के अंतर से पराजित किया था।(भाषा)