मनीषियों ने आसमान में चंद्रमा के यात्रा पथ को 27 भागों में विभाजित किया है। हर सत्ताईसवें भाग में पड़ने वाले 'तारामंडल' के बीच कुछ विशिष्ट तारों की पहचान कर उन्हें नक्षत्रों की संज्ञा दी है। इस प्रकार नवग्रह तथा 27 नक्षत्रों की पहचान की है।
किसी व्यक्ति के जन्म के समय, चंद्रमा धरती से जिस नक्षत्र की सीध में रहता है, वह उस व्यक्ति का जन्म-नक्षत्र कहलाता है। इस प्रकार अपने जन्म-नक्षत्र जानकर उस वृक्ष को पहचानिए जिसका सेवन आपके लिए वर्जित है। अत: जन्म-नक्षत्र से संबंधित वृक्ष का सेवन नहीं, सेवा करनी चाहिए।
हो सके तो अपने जन्म-नक्षत्र के पौधे घर में लगाकर उसे सींचे। ऐसा करना हित में होगा। इससे निरोगी, स्वस्थ और संपन्न रहेंगे।
प्रस्तुत है जन्म-नक्षत्र से संबंधित वे वृक्ष और वृक्ष-फल जिनका खाना नहीं, सींचना लाभकारी है।