चीन में कोरोना वायरस का कहर जारी है। ताजा जानकारी के मुताबिक चीन में इस महामारी में मरने वालों की संख्या 636 हो गई। चीन में अबतक कुल 31 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से वायरल हो रही है कि चीन सरकार ने सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट में अपील दायर कर कोरोना वायरल से पीड़ित 20 हजार मरीजों को मारने की मंजूरी मांगी है।
क्या है वायरल-
एबी-टीसी वेबसाइट की एक न्यूज रिपोर्ट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि चीनी प्रशासन ने बेकाबू होते जा रहे कोरोना वायरस को लेकर सुप्रीस पीपुल्स कोर्ट में अपील दायर कर इस वायरस से पीड़ित 20 हजार मरीजों को मारने की मंजूरी मांगी है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि चीन में पहले ही कोरोना वायरस पीड़ित 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन चीन इस सच्चाई को छिपा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने कोर्ट को बताया कि अस्पतालों में वायरस से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण उसे अपने हैल्थ वर्करों को खो जाने का डर है। साथ ही यह भी कहा है कि अस्पतालों में भर्ती मरीजों के कारण दूसरे मरीजों के संक्रमित हो जाने की भी आशंका है। कोर्ट में अपील दायर करते हुए सरकार ने कहा है कि कुछ मरीजों का बलिदान नहीं दिया जाता तो देश को अपने सभी नागरिक खोने पड़ सकता है। अपने हैल्थ वर्करों और करोड़ों लोगों को बचाने की सरकार को आशा की कोई किरण नजर नहीं आ रही है।
क्या है सच-
हमने इस खबर को इंटरनेट पर सर्च किया, तो हमें किसी भी न्यूज एजेंसी या अन्य किसी क्रेडिबल वेबसाइट पर यह खबर नहीं मिली।
फिर हमने इस वेबसाइट को चेक किया, तो पाया कि इसकी किसी भी खबर में रिपोर्टर की बायलाइन नहीं है। बल्कि उसकी जगह ‘स्थानीय संवाददाता’ लिखा हुआ है। बता दें कि इस वेबसाइट का फेक न्यूज फैलाने का इतिहास रहा है।
इस वेबसाइट ने कोरोना वायरस के बारे में पहले भी गलत जानकारी दी है। हाल ही में सिंगापुर सरकार ने बयान जारी कर एबी-टीसी की एक रिपोर्ट का खंडन किया है।
वेबदुनिया की पड़ताल में पाया गया है चीन द्वारा कोर्ट से कोरोना वायरस पीड़ित 20 हजार मरीजों को मारने की मंजूरी मांगने की वायरल खबर फर्जी है।