आजकल योग पर प्रचलन बढ़ गया है। फिल्म स्टार से लेकर आम लोगों तक योग की लोकप्रियता बढ़ी है। वर्तमान में योग के सबसे बड़े शिक्षक बाबा रामदेव हैं। योग वैसे तो वृहत्तर विषय है जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारण, ध्यान, क्रिया योग, मुद्रा योग आदि कई तरह के योग शामिल है परंतु वर्तमान में मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिए प्राणायाम और आसन का महत्व बढ़ा है।
प्राणायाम : प्राणायाम के प्रमुख प्रकार ( kind of pranayama ) : 1.नाड़ीशोधन, 2.भ्रस्त्रिका, 3.उज्जाई, 4.भ्रामरी, 5.कपालभाती, 6.केवली, 7.कुंभक, 8.दीर्घ, 9.शीतकारी, 10.शीतली, 11.मूर्छा, 12.सूर्यभेदन, 13.चंद्रभेदन, 14.प्रणव, 15.अग्निसार, 16.उद्गीथ, 17.नासाग्र, 18.प्लावनी, 19.शितायु (shitau) आदि। सभी प्राणायमा में पूरक, कुम्भक और रेचक का महत्व है।
इसके अलावा भी योग में अनेक प्रकार के प्राणायामों का वर्णन मिलता है जैसे-
1. अनुलोम-विलोम प्राणायाम
2. अग्नि प्रदीप्त प्राणायाम
3. अग्नि प्रसारण प्राणायाम
4. एकांड स्तम्भ प्राणायाम
5. सीत्कारी प्राणायाम
6. सर्वद्वारबद्व प्राणायाम
7. सर्वांग स्तम्भ प्राणायाम
8. सम्त व्याहृति प्राणायाम
9. चतुर्मुखी प्राणायाम,
10. प्रच्छर्दन प्राणायाम
11. चन्द्रभेदन प्राणायाम
12. यन्त्रगमन प्राणायाम
13. वामरेचन प्राणायाम
14. दक्षिण रेचन प्राणायाम
15. शक्ति प्रयोग प्राणायाम
16. त्रिबन्धरेचक प्राणायाम
17. कपाल भाति प्राणायाम
18. हृदय स्तम्भ प्राणायाम
19. मध्य रेचन प्राणायाम
20. त्रिबन्ध कुम्भक प्राणायाम
21. ऊर्ध्वमुख भस्त्रिका प्राणायाम
22. मुखपूरक कुम्भक प्राणायाम
23. वायुवीय कुम्भक प्राणायाम
24. वक्षस्थल रेचन प्राणायाम
25. दीर्घ श्वास-प्रश्वास प्राणायाम
26. प्राह्याभ्न्वर कुम्भक प्राणायाम
27. षन्मुखी रेचन प्राणायाम
28. कण्ठ वातउदा पूरक प्राणायाम
29. सुख प्रसारण पूरक कुम्भक प्राणायाम
30. नाड़ी शोधन प्राणायाम व नाड़ी अवरोध प्राणायाम
योग के आसन योगासन : 'आसनानि समस्तानियावन्तों जीवजन्तव:। चतुरशीत लक्षणिशिवेनाभिहितानी च।'- अर्थात संसार के समस्त जीव जन्तुओं के बराबर ही आसनों की संख्या बताई गई है। इस प्रकार 84000 आसनों में से मुख्य 84 आसन ही माने गए हैं।
आसन के प्रकार : बैठकर किए जाने वाले आसन। पीठ के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन। पेट के बाल लेटकर किए जाने वाले आसन और खड़े होकर किए जाने वाले आसन।