Lok Sabha Election : कौन हैं लंदन से पढ़कर आईं इकरा हसन, सपा के टिकट पर भाजपा के खिलाफ हैं मैदान में

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 17 अप्रैल 2024 (17:25 IST)
Who is Iqra Hasan who came after studying from London : पूरी दुनिया को जब कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 महामारी ने अपनी चपेट में लिया तब हजारों छात्रों की तरह इकरा हसन 2021 में लंदन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपने गृह नगर कैराना लौट आईं।
ALSO READ: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में क्यों भगदड़, बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की क्या है वजह?
कभी शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाने की हसरत रखने वाली हसन (29) अब समाजवादी पार्टी के टिकट पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद प्रदीप चौधरी से है जिन्होंने 2019 के आम चुनाव में उनकी मां तबस्सुम बेगम को हराया था।
 
इकरा हसन की मां से पहले उनके पिता मुनव्वर हसन लोकसभा में कैराना का प्रतिनिधित्व करते थे। हसन के पिता का निधन हो चुका है और उनके भाई नाहिद हसन कैराना से विधायक हैं। कैराना में 19 अप्रैल को मतदान होना है और इकरा हसन के मामा ने बताया कि इकरा प्रचार में व्यस्त हैं।
ALSO READ: लोकसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं को धूल चटा चुकी है जम्मू कश्मीर की जनता
इकरा के मामा बबलू चौधरी ने याद किया कि कैसे उनकी मृदुभाषी और मजबूत इरादों वाली भानजी ने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपने भाई के लिए प्रचार किया था। उस वक्त इकरा के भाई जेल में थे। इसके बारे में पूछे जाने पर इकरा हसन ने कहा कि उन्होंने दो साल पहले विधानसभा चुनाव अभियान से बहुत कुछ सीखा है।
 
इकरा हसन ने कहा, वह पहली बार था जब मैंने अभियान का नेतृत्व किया क्योंकि उस समय मेरा भाई मौजूद नहीं था। उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया। इससे मुझे वास्तव में इस क्षेत्र को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली। तब से मैं यहां के लोगों के साथ लगातार संपर्क में हूं और पिछले तीन वर्षों से यहीं हूं। उन्होंने कहा, मैं कड़ी मेहनत कर रही हूं और उम्मीद है कि लोग इसे देखेंगे और मुझे वोट देंगे।
ALSO READ: अखिलेश बोले, लोकसभा चुनाव में BJP का गाजियाबाद से गाजीपुर तक होगा सफाया
हालांकि नेताओं के परिवार से आने का मतलब यह नहीं था कि राजनीति में आना उनकी स्वाभाविक पसंद थी। उन्होंने कहा,जैसा कि मैंने कहा कि मेरा परिवार राजनीति में था इसलिए मेरी हमेशा से इसमें रुचि थी, लेकिन इसमें शामिल होने में रुचि नहीं थी। मेरी थीसिस भी चुनाव सुधारों पर केन्द्रित है।
 
मेरी रुचि का प्रमुख क्षेत्र राजनीति था लेकिन केवल शिक्षा में और मैं पीएचडी करके शिक्षा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती थी लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। उन्होंने कहा, मैं शिक्षण के क्षेत्र, विशेषकर यहां महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहूंगी। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी