चांदी की साइकिल सोने की सीट, आपने अपनी साइकिल से क्या ली सीख?

World Bicycle Day 2023
ईशु शर्मा

'चांदी की साइकिल सोने की सीट, आओ चलो डार्लिंग डबल सीट' आपने गोविंदा के यह प्रसिद्ध गाना तो सुना ही होगा। यह गाना 1991 में रिलीज़ हुई फिल्म 'भाभी' का है। हमारे बचपन की पहली राइड साइकिल से ही शुरू होती है। साइकिल के ज़रिए हम बैलेंस के सही महत्व को सीखते हैं। साथ ही साइकिल बचपन के कई रोचक किस्सों में से एक होती है। किसी ने सही कहा है कि 'साइकिल और ज़िंदगी तभी बेहतर चल सकती है, जब साइकिल और ज़िंदगी में चैन हो।' ज़रा सोचिए जिस साइकिल पर आपने अपना बचपन गुज़ारा है, उस साइकिल से आपने कितना कुछ सीखा होगा! क्या आपने कभी इस बारे में सोचा? हमने कुछ युवाओं से ये ही सवाल पूछा कि 'आपने अपनी साइकिल से क्या सीखा?' चलिए जानते हैं इन युवाओं के दिलचस्प एक्सपीरयंस के बारे में.......

1. "मैंने अपनी साइकिल से खुद पर भरोसा रखना सीखा। बचपन में साइकिल सीखते समय मैंने पापा से बोला कि पापा प्लीज साइकिल छोड़ना मत और पापा ने छोड़ दी! इसलिए मैंने खुद पर भरोसा करना शुरू किया।" -रागिनी चौरे

2. "साइकिल से मैंने सीखा है कि चढ़ना बहुत मुश्किल है और उतरना बहुत आसान। ऐसा ही हमारी रियल लाइफ में भी है क्योंकि नाम कमाना बहुत मुश्किल है पर हमारा नाम डूबने में 2 मिनट भी नहीं लगते।" - आयुष ठाकुर


3. "जब मैं छोटी थी तो मुझे साइकिल चलाना नहीं आती थी। मैं साइकिल को हाथ से पकड़कर दौड़ती थी और मुझे ख़ुशी मिलती थी। जब मैंने साइकिल चलाना शुरू किया तो ऐसा लगा जैसे मुझे फ्रीडम मिल गई हो। साइकिल से मैंने आज़ादी को महसूस किया है।" - साक्षी जाट

4. "मेरे लिए साइकिल मतलब मस्ती! समय के साथ-साथ साइकिल के टाइप भी बदले हैं। आज के समय में गियर वाली साइकिल मौजूद हैं पर असली मज़ा तो बचपन की साइकिल में था। ओल्ड इस गोल्ड।" - मिहिर जोशी

5. "मैं अभी भी साइकिलिंग करता हूं और मुझे साइकिल चलाना बहुत पसंद है। साइकिल में आप नेचर को फील कर सकते हैं। साइकिल की राइड में सुकून है। साइकिल चलाते समय आप हवा की धुन को सुन और महसूस कर सकते हैं।" - आदित्य यादव
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