GTRI की नई सरकार से अपील, 100 दिन में ई वाणिज्य नियमों को करें आसान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 3 अप्रैल 2024 (12:30 IST)
GTRI's appeal to the new government : ई-वाणिज्य (e-commerce) नियमों को आसान करने, शुल्क वापसी योजना का नकद वितरण, एक राष्ट्रीय व्यापार तंत्र (national trade mechanism) की स्थापना और भारत के व्यापार समझौतों की प्रभावशीलता पर एक रिपोर्ट प्रकाशित करना नई सरकार के 100 दिन का एजेंडा होना चाहिए। जीटीआरआई (GTRI) ने इस विषय में बहुपयोगी सुझाव भी दिए हैं।

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ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का सुझाव : आर्थिक शोध संस्थान 'ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव' (जीटीआरआई) ने नई दिल्ली में बुधवार को एक रिपोर्ट में कहा कि प्रमुख फलों और सब्जियों के उत्पादों के लिए तंत्र का पता लगाने के वास्ते ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल का सुझाव दिया गया है। ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी एक उन्नत डेटाबेस तंत्र है जो एक व्यावसायिक नेटवर्क के भीतर पारदर्शी जानकारी साझा करने की अनुमति देता है।
 
चीन पर निर्भरता को कम करने का सुझाव : रिपोर्ट में विशेष आर्थिक क्षेत्रों को छूट के आधार पर घरेलू बाजार में सामान बेचने की अनुमति देना और दवा सामग्री, सौर सेल, ईवी बैटरी और मोबाइल फोन घटकों जैसे महत्वपूर्ण आयात के लिए चीन पर निर्भरता को कम करने आदि का भी सुझाव दिया गया।

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लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से : जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि पहले 100 दिन (एक नई सरकार के लिए) शासन और नीति की दिशा निर्धारित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होगा और मतों की गिनती 4 जून को की जाएगी। चुनाव 7 चरणों में होने हैं।
 
शोध संस्थान ने यूरोपीय जलवायु विनियमन के प्रतिकूल प्रभावों का मुकाबला करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने, गठबंधन बनाने, डब्ल्यूटीओ (विश्व व्यापार संगठन) में बेहतर परिणामों के लिए साझेदारी को मजबूत करने, डब्ल्यूटीओ कानून कितने भेदभावपूर्ण हैं और उनमें बदलाव की जरूरत है इस बात पर प्रकाश डालने और विनिर्माण योजनाओं में प्रोत्साहनों का मानकीकरण करने आदि के सुझाव दिए।
 
एनटीएन निर्यात-आयात संबंधी अनुपालन को ऑनलाइन सक्षम बनाएगा : इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि राष्ट्रीय व्यापार तंत्र (एनटीएन) सभी आवश्यक दस्तावेजों तथा सूचनाओं को ऑनलाइन जमा करने को केंद्रीकृत करने के अलावा सीमा शुल्क, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी), शिपिंग कंपनियों, बंदरगाह और बैंक के साथ अलग-अलग बातचीत की आवश्यकता को समाप्त करने के अलावा सभी निर्यात-आयात संबंधी अनुपालन को ऑनलाइन सक्षम करने में मदद करेगा।
 
श्रीवास्तव ने एनटीएन की वकालत करते हुए कहा कि विशिष्ट विभागों पर केंद्रित मौजूदा प्रणालियां तेजी से विकसित नहीं होती और व्यापक प्रक्रियाओं को भी कुशलतापूर्वक नहीं संभाल पाती। उन्होंने कहा कि नई व्यावसायिक प्रक्रिया के तहत तैयार एनटीएन भारत के लिए आवश्यक है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

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