OPS की मांग पर सरकारी कर्मियों ने रामलीला मैदान में भरी हुंकार, 'वोट की चोट' के लिए तैयार

रविवार, 1 अक्टूबर 2023 (20:22 IST)
Protest by government employees : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर समर्थन जताया और कहा कि उन्होंने केंद्र से इसे दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू करने का अनुरोध किया है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए 20 से अधिक राज्यों से केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा यहां रामलीला मैदान में व्यापक पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है।
 
केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हम ओपीएस को वापस लाने संबंधी सरकारी कर्मचारियों की मांग का पुरजोर समर्थन करते हैं। केजरीवाल ने कहा, नई पेंशन योजना (एनपीएस) कर्मचारियों के खिलाफ अन्याय है। हमने पंजाब में ओपीएस लागू की है और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों के लिए इसे लागू करने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है। कुछ अन्य गैर-भारतीय जनता पार्टी  सरकारों ने भी ओपीएस लागू की है।
 
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम(एनएमओपीएस) के तत्वावधान में रविवार को को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित पेंशन शंखनाद रैली में देशभर से लाखों शिक्षक व कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।रामलीला मैदान पहुंच लोगो ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पुरजोर ढंग से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।
 
दिल्ली शिक्षक संघ (जीएसटीए) के महासचिव अजयवीर यादव ने बताया की देशभर से लाखों कर्मचारी दो दिन पहले ही पहुंचने शुरू हो गए थे। आज रैली के आयोजन में प्रत्यक्षदर्शियों व प्रशासन के अनुसार सात लाख लोगों ने हिस्सा लेकर संख्या का इतिहास क़ायम किया। पेंशन शंखनाद महारैली में केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों रेल, ऑर्डिनेंस, हेल्थ सेक्टर और शिक्षा विभाग समेत कई अन्य विभागों के लाखों कर्मचारियों ने दिल्ली पहुंचकर पुरानी पेंशन बहाल करने की हुंकार भरी हैं।

एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने देशभर से आए लाखों शिक्षक व कर्मचारियों को संबोधित करते हुए देश के प्रधानमंत्री से मांग की है कि देश का कर्मचारी केवल और केवल पुरानी पेंशन को बहाल करवाने के लिए एकजुट हुआ है इसलिए हमें केवल और केवल पुरानी पेंशन चाहिए इसके अलावा हम सरकार के किसी सुझाव पर कोई स्वीकृति नहीं देंगेl

विजय कुमार बंधु ने कर्मचारियों से आह्वान किया कि पेंशन नहीं तो वोट नहीं, जो पेंशन की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा के साथ कहा कि देश का अगला प्रधानमंत्री वही होगा जो पेंशन की बात करेगा। देश में 40 साल नौकरी करने वाले कर्मचारी पेंशन विहीन और 40 दिन का सांसद सभी सुविधाओं के साथ पेंशन का अधिकारी, यह देश का कौनसा राष्ट्रवाद है। यह देश भगत सिंह और बाबा साहब का देश है पेंशन कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है, हम इसे लेकर ही रहेंगे।
 
दिल्ली मैं बैठे नेताओ को जब भीड़ का पता चला तो रैली मैं आने के लिए आतुर दिखाई दिए। आप सांसद संजय सिंह ने कर्मचारियों की पेंशन की आवाज का पुरजोर समर्थन किया, वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनने के तुरंत 24 घंटे में पुरानी पेंशन को बहाल कर दिया जाएगा।
 
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, देश का किसान और मजदूर कर्मचारियों के साथ है वहीं कांग्रेस दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अरविंद सिंह लवली, समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश के एमएलसी लाल बिहारी यादव ने भी कर्मचारियों को संबोधित किया और कहा कि कोई भी सरकार देश के एक करोड़ कर्मचारी को नजरअंदाज नहीं कर सकती क्योंकि कर्मचारी जमीन से जुड़े हुए हैं।

एक करोड़ कर्मचारी के परिवार के ही पांच करोड़ वोट होते हैं, साथ ही प्राथमिक अध्यापक चाय की दुकान पर जो बयान देते हैं उससे देश की सरकार बनती है क्योंकि मास्टर जी पर लोगों का भरोसा पूर्ण होता है इसलिए देश के प्रधानमंत्री को कर्मचारियों की आवाज को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत पुरानी पेंशन को बहाल करने की घोषणा करके कर्मचारियों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।

एनएमओपीएस की राष्ट्रीय महासचिव स्थित प्रज्ञा ने रैली में आने वाले सभी शिक्षक व कर्मचारी से कहा कि पुरानी पेंशन हम एकजुट होकर सरकार को दबाव में लाकर जरूर बहाल कर लेंगे। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वितेश खाडेकर ने कहा कि आज पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे ने पूरे देश के कर्मचारियों को एक सूत्र में पिरो दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 में पुरानी पेंशन बहाली देश का प्रमुख मुद्दा होगा। हरियाणा पेंशन बहाली संघर्ष समिति के विजेंद्र धारीवाल ने कहा कि रामलीला मैदान मैं हुई रैली ने 6 लाख लोगों की उपस्थिति द्वारा एक इतिहास रच दिया है।

एनएमओपीएस हिमाचल प्रदेश के प्रदीप ठाकुर ने कहा कि पेंशन शंखनाद रैली पुरानी पेंशन बहाली रामलीला मैदान में मील का पत्थर साबित हुई। एनएमओपीएस दिल्ली के संरक्षक और जीएसटीए महासचिव अजयवीर यादव ने कहा कि पेंशन किसी भी कर्मचारी और शिक्षक का संवैधानिक अधिकार है। कर्मचारी पेंशन लेकर ही रहेगा। हम सरकार से मांग करते हैं कि हमारे बॉर्डर के जवानों की पेंशन सर्वप्रथम बहाल की जाए।
 
शंखनाद रैली में देशभर से लाखों की संख्या में आए कर्मचारियों ने अपनी शक्ति के बल पर दिखा दिया कि पुरानी पेंशन बहाल करने पर सरकार को मजबूर होना पड़ेगा और हमें जल्द ही पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा के साथ दीपावली मनाने का अवसर मिलेगा। रैली को सफल बनाने के लिए जो तैयारी की गई उसकी जिम्मेदारी दिल्ली प्रदेश इकाई को दी गई थी जिसमें प्रदेश प्रभारी अरविंद सिंह, सह प्रभारी प्रवीण शर्मा, ललिता अध्यापक और मनजीत राणा ने एनएमओपीएस के संरक्षक डीएन सिंह के नेतृत्व में दिन-रात एक करके पूरी की।
 
दिल्ली गवर्नमेंट टीचर एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजवीर सिंह ने दिल्ली के शिक्षकों को रैली की सफलता के लिए धन्यवाद दिया और बताया कि दिल्ली का शिक्षक पूर्व में भी अनेक इतिहास रच चुका है जो आज एक और ऐतिहासिक दिन दिल्ली के शिक्षकों के लिए साबित हुआ
 
दिल्ली अध्यापक शक्ति मंच के उपाध्यक्ष बीएल शर्मा ने दिल्ली के हजारों की संख्या में पहुंचे शिक्षकों का अध्यापक शक्ति मंच के पदाधिकारीयों के साथ स्वागत किया और कहा कि देश दिल्ली के शिक्षकों पर गर्व करता है। देशभर से आए छह लाख कर्मचारियों का दिल्ली के शिक्षकों ने जिस जोरदार ढंग से स्वागत किया, वह देखने योग्य रहा। आज रामलीला मैदान अन्ना हजारे की रैली की याद दिलाने जैसा नजर आ रहा था। चारों ओर कर्मचारी ही कर्मचारी मैदान में तपती धूप में केवल और केवल पेंशन बहाली आंदोलन के लिए रुके रहे, जो एक दर्शनीय दिन रहा।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी