राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को देश का 'सबसे बड़ा रक्षा घोटाला' बताया

शुक्रवार, 10 अगस्त 2018 (23:52 IST)
रायपुर। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को राफेल लड़ाकू विमान सौदे को देश का अब तक का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला करार देते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भ्रष्टाचार में भागीदार हैं। पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा कि मोदी ने उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान में बलात्कार की घटनाओं पर एक शब्द भी नहीं बोला है।
 
 
उन्होंने कहा कि महिलाओं की स्थिति पिछले 3 हजार सालों में इतनी खराब कभी नहीं रही और हर कोई भाजपा और राजग से पूछ रहा है कि अच्छे दिन कहां हैं? कांग्रेसी नेता ने कहा कि मोदी द्वारा किसानों, युवाओं और गरीबों से किए गए वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं।
 
उन्होंने दो पत्रकारों के इस्तीफे को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि जो सच सामने लाने का प्रयास करते हैं, उन्हें दबाया जा रहा है। गांधी राज्य में पार्टी की इकाई के नवनिर्मित कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस राज्य में इसी साल चुनाव होने हैं।
 
फ्रांस के साथ राफेल विमान सौदे का मुद्दा उठाते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि यह अब तक का सबसे बड़ा घोटाला है और चौकीदार, भागीदार बन गया है। वे जाहिर तौर पर मोदी का जिक्र कर रहे थे, जो कहते रहे हैं कि प्रधानमंत्री के रूप में उनकी स्थिति देश के चौकीदार की है। भारत ने 2015 में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
 
गांधी ने कहा कि संप्रग सरकार ने राफेल करार तैयार किया था जिसके अनुसार हर विमान का दाम करीब 540 करोड़ रुपए था। करार तैयार था और मोदीजी को केवल फैसला करना था। गांधी ने कहा कि लेकिन मोदीजी फ्रांस गए और उन्होंने पिछला करार खत्म कर दिया और रक्षामंत्री तथा अन्य कैबिनेट मंत्रियों को इसके बारे में पता ही नहीं था।
 
उन्होंने कहा कि राफेल विमानों का दाम 540 करोड़ रुपए प्रति विमान से जादुई तरीके से बढ़कर 1600 करोड़ रुपए प्रति विमान हो गया। फ्रांस के साथ गोपनीय समझौते में ऐसा कोई उपबंध नहीं है जिसके तहत विमानों के दामों का देश के सामने खुलासा न किया जा सके।
 
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि लड़ाकू विमान के संबंध में एक अनुबंध सरकारी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड से छीन लिया गया और मोदी ने इसे अपने दोस्त अनिल अंबानी को दे दिया। और मजेदार बात यह है कि करार उन अंबानीजी को दे दिया गया जिन्होंने अपने जीवन में कभी विमान नहीं बनाया और न ही कभी कोई रक्षा अनुबंध लिया।
 
उन्होंने दावा किया कि जिस कंपनी से करार किया गया, उस पर 45 हजार करोड़ रुपए का ऋण था। अंबानी, राहुल गांधी के आरोपों को पहले ही खारिज कर चुके हैं और उनका कहना है कि राफेल निर्माता फ्रेंच कंपनी डासाल्ट द्वारा उनकी कंपनी के स्थानीय सहयोगी के रूप में चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है।
 
गांधी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब उन्होंने संसद में राफेल मुद्दा उठाया तो प्रधानमंत्री उनसे नजरें नहीं मिला पाए। कांग्रेस प्रमुख ने देश के विभिन्न भागों में बलात्कार की घटनाओं का मुद्दा भी उठाया।
 
गांधी ने कहा कि उत्तरप्रदेश, बिहार और राजस्थान में महिलाओं से बलात्कार हो रहा है और (कुछ) भाजपा विधायकों की संलिप्तता के बावजूद 56 इंच के सीने वाले प्रधानमंत्री ने इन घटनाओं पर एक शब्द भी नहीं बोला। आज महिलाएं अपने घर से बाहर जाने में भी डरती हैं। ऐसी स्थिति पिछले 3 हजार सालों में इतनी खराब नहीं थी।
 
गांधी ने कहा कि जब 4 साल पहले राजग सरकार सत्ता में आई थी, तो मोदी ने 'अच्छे दिन' का वादा किया था लेकिन यह नारा अब भुला दिया गया है। एक के बाद एक वादे तोड़े जा रहे हैं। जनता आपके (मोदी के) शब्दों पर भरोसा करती थी लेकिन एक के बाद एक उनका विश्वास तोड़ा जा रहा है।
 
गांधी ने दावा किया कि एक केंद्रीय मंत्री ने स्वीकारा है कि बैंक खातों में 15 लाख रुपए आना सिर्फ एक चुनावी जुमला था और यह लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए था। हाल में गडकरीजी ने पूछा कि रोजगार कहां है? गडकरीजी, हम यही सवाल पूछ रहे हैं और करोड़ों युवा भी यह सवाल पूछ रहे हैं। आपको हमें जवाब देना है, आपको हमसे सवाल नहीं पूछने हैं। 
 
गांधी ने कहा कि अब वे रोजगार की बात नहीं, बल्कि पकौड़ा बनाने की बात करते हैं। गांधी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पर पनामा पेपर्स में उनके बेटे का नाम कथित रूप से आने को लेकर एक बार फिर निशाना साधते कहा कि पाकिस्तान के (पूर्व) प्रधानमंत्री (नवाज शरीफ) को इसी कारण से जेल हुई है लेकिन अभिषेक सिंह के मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। (भाषा)

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी