साइना नेहवाल की फाइनल में हार पर पिता बोले...

रविवार, 16 अगस्त 2015 (23:54 IST)
नई दिल्ली। साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह ने रविवार को कहा कि पहली बार विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में खेलने के दबाव के कारण यह भारतीय स्टार जकार्ता में रविवार को समाप्त हुए इस टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में स्पेन की कोरोलिन मारिन से हार गईं। 
हरवीर ने हैदराबाद कहा, मुझे लगता है कि यह मनोवैज्ञानिक पहलू था। वह यह सोचकर कि उन्‍हें हर हाल में जीत दर्ज करनी है, शायद अपनी येकाग्रता खो बैठीं। विश्व में दूसरे नंबर की साइना फाइनल में मौजूदा चैंपियन मारिन से 16-21, 19-21 से हार गईं और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। 
 
हरवीर ने कहा,  यह (साइना का रजत पदक जीतना) शानदार है। साइना ने अपनी तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया लेकिन मारिन थोड़ा मजबूत थीं। साइना में अभी काफी बैडमिंटन बचा हुआ है और वे निश्चित तौर पर मजबूत वापसी करेंगी। उन्‍हें अधिक सीखने और फिट रहने की जरूरत है। 
 
साइना की किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में यह लगातार दूसरी हार है, हालांकि उनका रजत पदक किसी भारतीय का विश्व चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। 
 
साइना की साथी बैडमिंटन खिलाड़ी ज्वाला गुट्टा और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने भी 25 वर्षीय शटलर को बधाई दी है। गुट्टा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, भाग्य ने साथ नहीं दिया। लेकिन पहला रजत भारतीय बैडमिंटन के लिए गौरवशाली क्षण है। 
 
कुंबले ने कहा, बहुत अच्छा खेली। वास्तव में आप पर गर्व है। अच्छा मुकाबला किया। रविवार को भाग्य ने साथ नहीं था। दिन में अच्छा खेलने वाली खिलाड़ी से हारीं। 
 
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने ट्वीट किया, हमें आप पर गर्व है क्योंकि आप हमारी विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल करने वाली पहली खिलाड़ी बनी हैं। हमें आप पर नाज है। विश्व चैंपियनशिप में भारत का यह पांचवां पदक है। 
 
पीवी सिंधु ने 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीते थे। ज्वाला और अश्विनी पोनप्पा ने 2011 में महिला युगल में कांस्य पदक हासिल किया था। दिग्गज शटलर प्रकाश पादुकोण ने 1983 विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। (भाषा) 

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