महाशिवरात्रि पर शहर के सभी शिवालयों में सुबह आरती में भक्तों ने हर-हर महादेव के जयकारे लगाए। डीआरपी लाइन स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर तथा छोटे तालाब किनारे स्थित श्री मनकामेश्वर मंदिर में विभिन्ना धार्मिक आयोजन हुए। यहाँ की गई विद्युत सज्जा आकर्षण का केन्द्र रही।
सिद्घेश्वर मंदिर में प्रातः से ही लोग भोलेनाथ को जल चढ़ाने पहुॅंचने लगे थे। प्रातः 7.30 बजे अभिषेक एवं तत्पश्चात् आरती हुई। विवेकानंद कॉलोनी स्थित उमापति महादेव मंदिर, कॉलेज मार्ग पर नजर बाग स्थित शिव मंदिर एवं जेल बगीचा स्थित बालाजी धाम के शिव मंदिर में प्रातः मत्रांेचारण के साथ भोलेनाथ का अभिषेक किया गया। मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान का दौर दिनभर चला। जगह-जगह भांग के शरबत और मूंगफली-मिश्री की प्रसादी का वितरण किया गया।
प्राचीन देवझिरी संकट मोचन शिवधाम पर सोमवार प्रातः चार बजे से ही श्रद्घालुओं द्वारा कुण्ड में स्नान कर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया जा रहा था। मान्यता है कि यहॉं के कुण्ड में गिरने वाली धारा नर्मदा मैया की धारा है और यह धारा बारह माह अनवरत बहती रहती है। दोपहर 12 बजे तक 2 हजार से अधिक लोग यहॉं दर्शन हेतु आ चुके थे। इस अवसर पर कलावती भूरिया मित्रमंडल द्वारा 40 क्विंटल फलिहारी खिचड़ी की प्रसादी वितरित की गई।
5 क्विंटल दूध से अभिषेक
इसके अलावा झाबुआ- मेघनगर मार्ग पर अनास नदी किनारे स्थित शिव मंदिर एवं दुधेश्वर धाम पर भी सैकड़ों श्रद्घालु पहुॅंचे। प्रातः चार बजे श्रद्घालुओं द्वारा कुण्ड में स्नान कर भगवान भोलेनाथ का रूद्घाभिषेक कर आरती की गई। ब्रजेन्द्र चुन्नु शर्मा मित्र मण्डल द्वारा 5 किवंटल दूध से भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया एवं 9 किवंटल साबूदाने की खिचड़ी का वितरण किया गया।
विशेष श्रृंगार
मेघनगर। मेघेश्वर महादेव मंदिर, तारकेश्वर मंदिर, टीचर्स कॉलोनी स्थित गणेश मंदिर आदि स्थानों पर शिवलिंग का विशेष श्रृंगार किया गया। गणेश मंदिर में युवाओं द्वारा विशेष आरती के बाद प्रसादी का आयोजन किया गया। आजाद चौक पर आजाद चौक मित्र मण्डल द्वारा महाआरती ढोल -ताशों के साथ की गई। इसके पश्चात खिचड़ी एवं ठंडाई स्वरूप प्रसाद का वितरण किया गया। फ्ᆬुटतालाब मंदिर में समाजसेवी सुरेशचंद्र जैन द्वारा महाआरती की गई। दूध्।ेश्वर महादेव मंदिर में हवन किया गया। यहाँ की सारी व्यवस्थाएँ एसआर फ्ᆬेरोअलायस के डायरेक्टर ब्रजेन्द्र शर्मा द्वारा एवं स्थानीय समिति द्वारा किया गया। अनास नदी के समीप स्थित महादेव मंदिर में भी दिनभर श्रद्घालुओं का ताँता लगा रहा। पिपलखूंटा धाम में महंत दयारामदासजी महाराज के सान्निाध्य में उत्सव मनाया गया।