सरकारी कार्यालय और शैक्षणिक संस्थाओं में मशीनरी आपूर्ति को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। सर्विस टैक्स बचाने के फेर में इन संस्थाओं के नाम से मशीनें खरीदने का खेल चल रहा है। स्थानीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य के फर्जी लेटरहेड और हस्ताक्षर से इस कॉलेज के लिए पांच जेरॉक्स मशीनें बुलाने का मामला सामने आया है। यह मशीनें जब दिल्ली से छिंदवाड़ा कॉलेज पहुंचीं तो मामले की जानकारी मिली। प्राचार्य ने इन्हें रिसीव न करते हुए मामले की शिकायत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से की है। मामला गत 6 जनवरी का है। कॉलेज प्राचार्य यूके जैन ने बताया कि कार्यालय में सेफ एक्सप्रेस कार्गो दिल्ली के माध्यम से फोटोकॉपी की पांच मशीनें दिल्ली से आई थीं। इनकी कीमत करीब 2 लाख 72 हजार रुपए है। यह सभी मशीनें रिको इंडिया लिमिटेड की ओर बाकायदा बिल सहित भेजी गई थीं। जब कार्गों के कर्मचारी ने प्राचार्य से रिसीव करने के लिए कहा तो श्री जैन ने कहा कि उन्होंने तो ऐसा कोई ऑर्डर दिया ही नहीं है। इस पर कार्गों कर्मचारी मशीनें वापस लेकर चला गया। उसके बाद यह मशीनें कहां गई हैं, इस बात की जानकारी भी अभी तक नहीं मिल पाई है। प्राचार्य ने जब इस बावत् पूछताछ की तो पता चला कि कंपनी के मुख्यालय में संस्था के लेटरहेड पर उनके फर्जी हस्ताक्षर से पत्र क्रमांक 692/यूजीसी/2011 के जरिए डिजीटल फोटोकॉपियर कम प्रिंटर प्रदाय करने के संबंध में लिखा गया था। इस पत्र में संपर्क के नाम पर आशीष जैन और उनका मोबाइल नंबर भी दिया गया था जो फर्जी पाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय कार्यालयों को मशीनरी प्रदाय करने को लेकर कंपनी द्वारा सर्विस टैक्स में छूट दी जाती है। साथ ही फ्री टोनर और मशीन मेंटेनेंस की सुविधा भी मिलती है। ऐसी जानकारी मिली है कि शहर की किसी संस्था ने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है।