...यूरिया दे दो सीताराम

शनिवार, 31 दिसंबर 2011 (22:57 IST)
शनिवार को 11 बजे विदिशा-अशोकनगर राज्य मार्ग पर ग्राम इमलिया के पास 'रघुपति राघव राजा राम, यूरिया दे दो सीताराम' का भजन बड़ी देर तक गूंजा। किसान महात्मा गांधी का भजन भगवान की भक्ति के लिए नहीं बल्की प्रशासन को नींद से जगाने के लिए गा रहे थे। यूरिया खाद न मिलने से गुस्साए किसानों ने इमलिया गांव के पास चक्का जाम कर दिया। यह जाम करीब सवा दो घंटे तक चला। सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं थीं। तहसीलदार एके सिंह द्वारा तीन दिन के अंदर यूरिया खाद उपलब्ध कराने के आश्वासन के बाद किसान सड़क से हटने को तैयार हुए। लंबे समय से यूरिया की बाठ जोह रहे किसानों का धैर्य उस समय टूट गया जब उन्हें गेहूं की फसल में सिंचाई किए हुए एक पखवाड़ा बीत गया और खेतों में बतर आ गई। बावजूद उन्हें यूरिया नहीं मिला। फसलें पीली पड़ते देख किसान दुखी होकर सड़क पर उतर आया तब जाकर प्रशासन की नींद खुली।


इस चक्काजाम में नागपिपरिया, जंबार बागरी, ढोलखेड़ी, बामनखेड़ा, इमलिया, निमखिरिया, जाफर खेड़ी,टिगरा आदि के करीब सैकड़ा भर किसान शामिल थे। ग्राम टिगरा निवासी निहाल सिंह की माने तो वह 25 बीघा जमीन में खेती करता है और अभी तक उसके हिस्से में मात्र एक बोरी यूरिया खाद आया है। इसी तरह के हालात सैकड़ों किसानों के हैं। यह पूरा मामला समिति द्वारा कम मांग भेजने का है जिसके चलते समिति में कम खाद आ पाया। चक्का जाम में वीरेंद्र सिंह राजपूत, राजीव तिवारी, नरेंद्र कपूर, निहाल सिंह, अमर सिंह, सौरभ तिवारी, गौरव,सुरेश, सचिन, अनूपम भार्गव के साथ ही बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।


विदिशा तहसीलदार अस्र्ण कुमार सिंह का कहना है कि किसानों को दो-तीन दिन के अंदर 99 टन खाद और उपलब्ध कराया जाएगा। इमलिया सहकारी समिति में अभी 15 टन खाद उपलब्ध है। समिति द्वारा खाद की कम मांग करने से यह स्थिति बनी थी। किसानों ने समझाइश के बाद चक्का जाम समाप्त कर दिया था।

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