असुरक्षा के बीच अस्पताल पहुँची जननी

बुधवार, 4 अप्रैल 2012 (01:14 IST)
प्रदेश सरकार सुरक्षित प्रसव व जननी सुरक्षा को लाख बढ़ावा दे, परंतु स्थानीय स्तर पर अव्यवस्थाओं ने इन दावों की पोल खोल दी है। लगातार दो घंटे तक इंतजार के बावजूद जननी को लेने सुरक्षा वाहन नहीं पहुँचा। हालात बिगड़ने पर परिजन असुरक्षा के बीच उसे अस्पताल लेकर पहुँचे। इस पूरे घटनाक्रम ने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर दिया। वहीं जिला स्तरीय जननी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं। यह जिले का पहला मामला नहीं है। इसके पूर्व बन्हेर क्षेत्र में भी जननी सुरक्षा वाहन के अभाव में एक प्रसूता ने खरगोन आते-आते दम तोड़ दिया था।


मंगलवार को रहीमपुरा क्षेत्र में प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला बालुरबाई को अस्पताल पहुँचाने के लिए उसका पति अंबाराम परेशान होता रहा। लगातार जिला अस्पताल के कॉल सेंटर पर सूचना देने के बावजूद जननी सुरक्षा वाहन के पहुँचने की उम्मीदों ने जब दम तोड़ दिया तो महिला को पैदल चलाकर सड़क तक लाना पड़ा। जुलवानिया मार्ग से आ रही यात्री बस को रुकवाकर महिला को बस स्टैंड पहुँचाया। इसके बाद ऑटो रिक्शा से अस्पताल ले जाया गया। इस प्रक्रिया में नईदुनिया ने एक बार फिर सामाजिक सरोकार निभाया। अपनी पीड़ा सुनाते हुए अंबाराम ने कहा कि पत्नी को अस्पताल ले जाने के लिए वह सुबह 8 बजे से वाहन को बुलाने का प्रयास कर रहा था। जब 9.30 बजे तक वाहन नहीं पहुँचा तो उसने पैदल ही सड़क तक पहुँचने का निर्णय लिया। बाद में कुछ लोगों की मदद से बस और ऑटो से पत्नी को लेकर अस्पताल पहुँचा।


जाँच कराई जाएगी

यह गंभीर मामला है। इसके पूर्व भी लापरवाही बरतने पर जननी सुरक्षा वाहन प्रबंधक को तीन हजार रुपए का जुर्माना किया जा चुका है। मामले की जाँच कराई जाएगी। -राहुल जैन, जिला समन्वयक, आरसीएच, खरगोन


देखभाल और सहयोग

अस्पताल पहुँचते ही प्रसूता को आवश्यक उपचार दिया गया। परिजनों को ऐसी परिस्थितियों में समय पूर्व आने की समझाईश दी जाती है। प्रसूता की देखभाल के साथ उसे पूरा सहयोग दिया जाएगा। डॉ. इंदिरा गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ, खरगोन

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