आंधी ने बरपाया कहर

शुक्रवार, 6 अप्रैल 2012 (00:56 IST)
राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तूफानी हवा ने कहर बरपा कर रख दिया। स्कॉल के चलते हवा की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चली । तूफानी हवा ने पेड़, होर्डिंग्स को उखाड़ फेंका। मकानों, काम्पलेक्स, मॉल में लगे कांच भी चकनाचूर हो गए। कई जगहों पर दोपहिया वाहन भी गिरे । हवा के असर से बिजली के तार टूट गए और कुछ क्षेत्रों के ट्रांसफार्मर भी फट गए। इससे कई घंटे बिजली गुल रही। सबसे अधिक असर रायपुर और जगदलपुर के हिस्सों में रहा। यहॉ पर सुबह से ही तेज बारिश के साथ हवा चली। इसके अलावा पेड्रारोड में भी बारिश का असर रहा। महासमुंद, धमतरी, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, पेड्रारोड, कवर्धा में तेज हवा के साथ बौछारें पड़ी। तूफान से शहर सहित आउटर में कई घंटे तक वाहनों की लंबी-कतारें लग गई। जिससे यातायात प्रभावित रहा।


गुस्र्वार को शाम 6 बजे से 6 बजकर 30 मिनट तक 80 की रफ्तार से चली तूफानी हवा ने लगभग आधे घंटे में ही राजधानी का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। 6 बजकर 30 मिनट से देर रात तक हवा 50 किलोमीटर की रफ्तार से चलती रही। बीच-बीच में गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ी। एक घंटे में राजधानी पूरी तरह से तहस-नहस हो गई। मौसम केन्द्र विशेषज्ञों ने बताया कि ऊपरी हवा में चक्रवात का असर बना हुआ है। इस चक्रवाती हवा को वैज्ञानिक भाषा में स्कॉल कहा जाता है। गुस्र्वार को मौसम का अचानक मिजाज बदल गया। कई दिनों से चली आ रही गर्मी का असर बारिश एवं हवा में बदल गया। जगदलपुर में 5 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा जांजगीर-चांपा में 12 मिमी, पेड्रारोड में दो एवं रायपुर में 2 मिमी बारिश हुई।

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