पुरुष वार्ड में टीबी के मरीज, संक्रमण का खतरा

शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2011 (23:50 IST)
स्थानीय जिला अस्पताल में गत दिनों टीबी वार्ड को बाल गहन चिकित्सा वार्ड बना दिया गया है। इससे टीबी के मरीजों को पुरुष वार्ड में रखा जाने लगा है। ऐसे में संक्रमण के खतरे को भाँपते हुए अन्य मरीज भर्ती होने से कतरा रहे है।


टीबी पीड़ित कई मरीज वार्ड में भर्ती हैं। ये खुद भी अपने आप को अन्य लोगों की उपेक्षित नजर के कारण असहज महसूस करते हैं। वहीं अन्य सामान्य मरीज टीबी के मरीजों के साथ भर्ती रहकर संक्रमण के संभावित खतरे से भयभीत रहते हैं। नगर के जागरूक नागरिक मंच के दीपक दीक्षित, विक्रम सेन, पर्वतसिंह राठौर, पीयूष राठौड़ आदि ने प्रशासन से माँग की है कि ऐसे मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया जाए। जब तब वार्ड का निर्माण नहीं होता, तब तक इन्हें अलग कक्ष में रखा जाए ताकि अन्य लोगों के स्वास्थ्य को हानि नहीं पहुँचे। मंच ने यह भी माँग की है कि ऐसे मरीजों को सभी प्रकार की सुविधाएँ दी जाना चाहिए। मरीजों को मॉस्क एवं मच्छरदानी आदि भी उपलब्ध कराना चाहिए।-निप्र


अलग वार्ड की माँग की है

यहाँ पर टीबी के मरीजों का अलग से वार्ड नहीं है। गंभीर मरीजों को पूरी सावधानी बरतते हुए उन्हें एक कोने में भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है। प्रशासन से अलग वार्ड की माँग की गई है।-डॉ. अनसूईया गवली, सिविल सर्जन

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