लक्ष्य हासिल करने में छूट रहा पसीना

बुधवार, 18 जनवरी 2012 (07:57 IST)
परिवार कल्याण योजना में जिले के विभिन्ना शासकीय विभाग जोर-शोर से जुटे हैं। इसके बावजूद लक्ष्य हासिल करने में पसीना छूट रहा है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को नोटिस भी थमाए जा रहे हैं। लेकिन लापरवाह कर्मचारियों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है।


आयुर्वेद विभाग को इस साल 100 नसबंदी का लक्ष्य हासिल हुआ है। कुछ विभागीय कर्मचारी तो परिवार कल्याण योजना के इस कार्यक्रम को महत्वपूर्ण मानते हुए विशेष प्रयास कर रहे हैं। वहीं कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो बार-बार हिदायत के बावजूद लापरवाही बरत रहे हैं। अब ऐसे कर्मचारियों को नोटिस देने की कार्रवाई चल रही है। इसी लापरवाही पर जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. शिवनंदन वर्मा ने शासकीय आयुर्वेद औषधालय देवास के आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. उमेश अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस थमाया है। इसके अलावा जिले के अन्य औषधालयों के कर्मचारियों को भी हिदायत पत्र सौंपते हुए राष्ट्रीय कार्यक्रम में लक्ष्य के अनुरूप प्रयास करने के लिए निर्देश दिए हैं। नोटिस में सात दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन संबंधित द्वारा स्पष्टीकरण देना तक उचित नहीं समझा गया। अब विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।


दूसरी ओर कुछ ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो ईमानदारी से इस कार्य में जुटे हैं। आयुर्वेद विभाग को मिले 100 केस में से अभी तक 68 नसबंदी करवाई जा चुकी है। इसमें शासकीय आयुर्वेद औषधालय गंधर्वपुरी के डॉ. दुर्गाप्रसाद शर्मा ने ही 22 नसबंदी के केस लाकर प्रथम स्थान हासिल किया है। विभाग द्वारा इन्हें पुरस्कृत करने के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है।


इधर शिक्षा विभाग भी लक्ष्य के अनुरूप नसबंदी करवाने में पिछड़ा साबित हो रहा है। विभाग को 1 हजार नसबंदी करवाने का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक 30 फीसद लक्ष्य ही हासिल हुआ। विभाग ने दिसंबर माह तक केवल 300 नसबंदी केस ही लाकर दिए हैं। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी आरएस जर्हा का कहना है कि कर्मचारियों को लक्ष्य के अनुरूप नसबंदी के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए गए हैं। शेष लक्ष्य को फरवरी माह तक पूरा कर लिया जाएगा।


जिले को नसबंदी करवाने का कुल 15 हजार का लक्ष्य हासिल हुआ है, जिसे हासिल करने में स्वास्थ्य विभाग की हालत पतली हो रही है। अभी तक केवल 8 हजार 626 नसबंदी ही करवाई जा सकी है। सुस्त प्रक्रिया के चलते लक्ष्य अभी भी काफी दूर है। अभी भी 6 हजार 374 नसबंदी करवाना शेष है।

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