सरकार नहीं चुकाएगी सहकारी संस्थाओं का दण्ड ब्याज

बुधवार, 22 फ़रवरी 2012 (08:02 IST)
सरकार ने अपनी गारंटी पर जिन चार सहकारी संस्थाओं को अपेक्स बैंक से कर्ज दिलाया था उसे अदा करने के लिए भी सहकारिता महकमे ने दो शर्तें लगा दी गई हैं। बैंक से कहा गया है कि वह संस्थाओं पर लगाए गए दण्ड ब्याज को माफ करे। साथ ही ब्याज की गणना चक्रवृद्घि की जगह साधारण ब्याज दर से की जाए। उल्लेखनीय है कि वैद्यनाथन पैकेज के 667 करोड़ रुपए हासिल करने के लिए सरकार संस्थाओं के ऊपर अपेक्स बैंक के इस कर्ज को चुकाने के लिए तैयार हो गई है।


सूत्रों के मुताबिक सूत मिल बुरहानपुर, बुनकर संघ जबलपुर, राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ भोपाल और खरगोन शकर कारखाने के ऊपर अपेक्स बैंक का करीब 58 करोड़ रुपए का कर्ज निकल रहा है। चूंकि, इन संस्थाओं को कर्ज शासन ने अपनी गारंटी पर दिलाया था इसलिए न चुकाने की स्थिति में वैद्यनाथन समिति ने इसे शासन की प्रतिबद्घ जिम्मेदारी मानते हुए बैंक को रकम अदा करने की शर्त रखी थी। हालांकि, वित्त विभाग इसे प्रतिबद्घ जिम्मेदारी मानने के लिए तैयार नहीं था और नाबार्ड को तर्कों का पुलिंदा भी भेजा था। लेकिन नाबार्ड ने इसे नकार दिया। इसके बाद ही सरकार ने अपेक्स बैंक को संस्थाओं का कर्ज अदा करने का फैसला किया। इसके लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान भी किया जा रहा है। लेकिन खजाने पर ज्यादा भार न पड़े इसलिए बैंक से कहा गया है कि वह संस्थाओं के ऊपर लगाए गए दण्ड ब्याज को पूरा माफ करे। साथ ही सात नवंबर 2006 के बाद से लगाया गया चक्रवृद्घि ब्याज को साधारण ब्याज में तब्दील किया जाए।

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