देखा जाए तो सम्पूर्ण अयोध्या नगरी में काफी बदलाव हुए। राम मंदिर के लिए काफी संघर्ष हुआ, गोलियां चलीं। बड़ी संख्या में रामभक्त शहीद हुए। हमें क्या पूरे हिन्दू जनमानस को कभी भी ऐसा नहीं लगा कि राम मंदिर आंदोलन कमजोर पड़ा हो। उसी का परिणाम सामने है। क्योंकि राम मंदिर आंदोलन के लिए विश्व हिन्दू परिषद ने जिस तरह से एक मंच पर हमारे सभी संप्रदाय के साधु-संतों, धर्माचार्यों, शंकराचार्यों, धर्मगुरुओं के साथ-साथ संपूर्ण हिन्दू समाज को एक साथ लेकर जो आंदोलन किया, वह सबसे महत्वपूर्ण रहा है। इसमें संपूर्ण हिन्दू समाज ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।