मनरेगा ‍में मिला साढ़े चार करोड़ लोगों को रोजगार

बुधवार, 27 दिसंबर 2017 (14:18 IST)
नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना के तहत इस साल साढ़े चार करोड़ लोगों को रोजगार मिला और एक करोड़ 56 लाख निर्माण कार्य किए गए, जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 17 हजार 333 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं तथा आगामी मार्च तक देश की सभी बस्तियों को सड़कों से जोड़ने की योजना है।
 
सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत इस वर्ष 1241 ग्राम पंचायतों को गोद लिया गया और 19 हजार 951 परियोजनाएं पूरी की गईं। मनरेगा के तहत इस साल महिलाओं को 54 प्रतिशत रोजगार मिला जबकि उन्हें कम से कम 33 प्रतिशत रोजगार देने का प्रावधान था। इस दृष्टि से 21 प्रतिशत अधिक महिलाओं को रोजगार मिला। मनेरगा का 96 प्रतिशत भुगतान ऑनलाइन होने लगा है।
 
इस साल मनरेगा की एक विशेषता यह रही कि प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन पर 60 प्रतिशत राशि खर्च की  गई और एक करोड़ सात लाख मानव दिवस सृजित किए गए। वर्ष के दौरान तीन लाख सात हजार तालाब  बनाए गए और कम्पोस्ट खाद के लिए एक लाख 55 हजार गड्ढे खोदे गए।
 
मोदी सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण में तेजी आई। इस वर्ष अब तक 17 हजार 333 किलोमीटर सड़कें बनाई जा चुकी हैं और 4817 बस्तियां सड़कों से जोड़ी गई हैं। अब तक इस योजना के तहत कुल 5 लाख 8 हजार 47 किलोमीटर सड़कें बन चुकी हैं और कुल एक लाख 45 हजार 158 बस्तियों को जोड़ा जा चुका है। अब 32 हजार बस्तियों को जोड़ा जाना बाकी है।
 
हरित प्रौद्योगिकी की मदद से इस साल 2484 किलोमीटर सड़कें बनाई गईं। इस तरह पंद्रह प्रतिशत सड़कें इस तकनीक से बनाई गईं। 'मेरी सड़क' नामक एक मोबाइल ऐप भी लांच किया गया जिसके जरिये ग्रामीण सड़कों के निर्माण में पारदर्शिता आएगी। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के दूसरे चरण के तहत 25791 किलोमीटर सड़कों का मरम्मत कार्य भी पूरा हुआ। तीसरे चरण में एक लाख सात हज़ार किलोमीटर सड़कों की मरम्मत की जाएगी। 
 
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत इस साल 11 लाख 57 हज़ार आवास बनाए गए। दीनदयाल ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 683 अतिरिक्त प्रखंडों को शामिल किया गया। साल के दौरान चार लाख चौरासी हज़ार स्वयं सहायता समूह बनाए गए। चौदह लाख बीस हज़ार स्वयं सहायता समूह को 18 हज़ार करोड़ रुपए का कर्ज़ भी दिया गया।
 
सत्रह राज्यों में सात हज़ार आठ सौ ग्रामीण युवकों को उद्यमशील बनाया गया। दीनदयाल कौशल विकास योजना के तहत 83 हजार 745 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया, जबकि लक्ष्य दो लाख लोगों को प्रशिक्षित करने का था। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण योजना के तहत दो लाख 34 हज़ार लोगों को प्रशिक्षित किया गया जबकि लक्ष्य तीन लाख 97 हज़ार का था। (वार्ता) 

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