अरे गणराज पधारो आज, भक्ति का पहना दो अब ताज।
अरे हमें तो श्री चरणों का होवे दर्शन लाभ।। अरे गणराज...
उसका तुमने मान बढ़ाया, रखी भक्तजनों की लाज।। अरे गणराज...
दो बुद्धि हम कदम बढ़ाएं, ऊंच-नीच का भेद हटाएं।
निरंतर तेरे गुण गावें, बजा-बजा निज साज।। अरे गणराज...
अंधकार अज्ञान हटाओ, दुखीजनों को धैर्य बंधाओ।