अक्षय तृतीया पर बनेंगे 3 अद्भुत संयोग, धन और सुख की प्राप्ति के लिए जरूर करें ये उपाय

WD Feature Desk

शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 (17:49 IST)
Akshaya tritiya ke upay: अक्षय तृतीया का पावन पर्व आने वाला है, और इस बार तो यह और भी खास होने वाला है! ज्योतिष गणनाओं के अनुसार, इस साल अक्षय तृतीया पर तीन अत्यंत शुभ योगों का अद्भुत संगम बन रहा है: सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग और रवि योग। यह दुर्लभ संयोग इस दिन के महत्व को और भी बढ़ा देता है, जिससे धन, समृद्धि और शांति की कामना करने वालों के लिए यह एक स्वर्णिम अवसर बन जाता है।

पंचांग के अनुसार, अक्षय तृतीया की तिथि 29 अप्रैल 2025 को शाम 5:32 बजे शुरू होकर 30 अप्रैल को दोपहर 2:25 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को महत्व देते हुए, यह पावन पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्यदेव, देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है।

अक्षय तृतीया पर बन रहे अद्भुत योग:
सर्वार्थ सिद्धि योग: जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इस योग में किए गए सभी कार्य सिद्ध होते हैं। यह किसी भी नए कार्य की शुरुआत करने, शुभ कार्य करने और महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि आप कोई नया व्यवसाय शुरू करने की सोच रहे हैं, या किसी अटके हुए काम को पूरा करना चाहते हैं, तो यह योग आपके लिए सफलता के द्वार खोल सकता है।

शोभन योग: यह योग सुंदरता, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। इस योग में किए गए कार्य शुभ और आनंददायक फल देते हैं। यह नए वस्त्र, आभूषण खरीदने या किसी मांगलिक कार्य को करने के लिए उत्तम माना जाता है। शोभन योग सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है।

रवि योग: ज्योतिष शास्त्र में रवि योग को बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। यह योग सभी प्रकार के अशुभ प्रभावों को दूर करने की क्षमता रखता है। इस योग में किए गए कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न होते हैं और सफलता प्राप्त होती है। रवि योग नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करके सकारात्मकता लाता है।

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धन लाभ और सुख शांति के लिए करें ये उपाय:
अक्षय तृतीया के इस विशेष अवसर पर, इन शुभ योगों के संयोग को और भी फलदायी बनाने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं:
सूर्यदेव की उपासना: इस दिन प्रातः काल सूर्यदेव को जल अर्पित करें और उनके मंत्रों का जाप करें। सूर्यदेव ऊर्जा और जीवन शक्ति के प्रतीक हैं, उनकी आराधना से तेज और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
देवी लक्ष्मी की पूजा: धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा करें। उन्हें कमल के फूल अर्पित करें और घी का दीपक जलाएं। श्री सूक्त का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
भगवान विष्णु का पूजन: भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है, इसलिए उन्हें पीले वस्त्र और पीले फूल अर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें या सुनें। इससे जीवन में सुख और शांति आती है।
दान-पुण्य: अक्षय तृतीया के दिन दान का विशेष महत्व है। अपनी क्षमतानुसार अन्न, वस्त्र, जल, या धन का दान करें। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय फल देता है।
तुलसी पूजा: भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय हैं। इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें और घी का दीपक जलाएं।
नए कार्य की शुरुआत: यदि आप कोई नया व्यवसाय या कार्य शुरू करने की योजना बना रहे हैं, तो सर्वार्थ सिद्धि योग में इसे करना अत्यंत शुभ फलदायी होगा।
अक्षय तृतीया एक ऐसा पर्व है जो हमें अक्षय फल प्रदान करने की क्षमता रखता है। इस वर्ष बन रहे इन तीन विशेष योगों के साथ, यह दिन और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। तो, इस शुभ अवसर का लाभ उठाएं और श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करके अपने जीवन में धन, समृद्धि और शांति का आगमन करें। यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि हमारे द्वारा किए गए अच्छे कर्म कभी व्यर्थ नहीं जाते, उनका फल हमेशा अक्षय रहता है।

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