श्रीलंका की टीम के लिए चैंपियंस ट्रॉफी के अनुभव मिश्रित रहे हैं। 1996 की विश्वकप विजेता टीम श्रीलंका ने चैंपियंस ट्रॉफी में मिलाजुला प्रदर्शन किया है। 1998 के नॉक आउट टूर्नामेंट में श्रीलंका की टीम सेमीफाइनल तक पहुँची। 2000 में इसने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई और उसके बाद 2002 में उसे भारत के साथ चैंपियंस ट्रॉफी का संयुक्त विजेता घोषित किया गया।
चैंपियंस ट्रॉफी के प्रारंभिक तीन टूर्नामेंट में श्रीलंका का प्रदर्शन काबिले तारीफ रहा, लेकिन 2002 के बाद परिवर्तनों के दौर से गुजर रही इस टीम के प्रदर्शन में भी गिरावट आई। 2004 और 2006 में चैंपियंस ट्रॉफी में श्रीलंका का प्रदर्शन निराशजनक रहा। नजर डालते हैं चैंपियंस ट्रॉफी में श्रीलंका के सफर पर-
1998 : नॉक आउट टूर्नामेंट 1998 में क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका का मुकाबला न्यूजीलैंड से हुआ। न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए मात्र 188 रन बनाए। इसके जवाब में श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणातुंगा ने शानदार 90 रन और विकेटकीपर बल्लेबाज रोमेश कालुवितर्णा ने 48 रन बनाए और टीम को जीत दिलाई। सेमीफाइनल में श्रीलंका की भिड़ंत दक्षिण अफ्रीका से हुई। दक्षिण अफ्रीका ने 240 रन बनाए, लेकिन बारिश की वजह से श्रीलंका को 35 ओवरों में 224 रनों का लक्ष्य दिया गया जिसके जवाब में श्रीलंका की टीम 23.4 ओवरों में मात्र 132 रनों पर पैवेलियन लौट गई। इस तरह दक्षिण अफ्रीका के गेंदबाजों ने श्रीलंका को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिख दिया।
2000 : नॉक आउट टूर्नामेंट 2000 में क्वार्टर फाइनल में श्रीलंका का मुकाबला पाकिस्तान से हुआ। प्री- क्वार्टर फाइनल में वेस्टइंडीज के गेंदबाजों की धज्जियाँ उड़ाते हुए श्रीलंका ने जीत हासिल की थी, लेकिन क्वार्टर फाइनल मुकाबले में अपने एशियाई प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध उसे हार का सामना करना पड़ा। पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका की टीम 194 रन ही बना सकी और इसके जवाब में पाकिस्तान की तरफ से सईद अनवर ने 105 रन बनाकर टीम को जीत दिलाई। इस बार भी श्रीलंका नॉक आउट टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
2002 : चैंपियंस ट्रॉफी 2002 में आखिरकार श्रीलंका को सफलता हासिल हुई, लेकिन पूरी तरह नहीं। श्रीलंका की टीम फाइनल मैच में भारत से भिड़ी, लेकिन बारिश के कारण मैच का कोई परिणाम नहीं निकल सका। बारिश ने फाइनल मैच में लगातार दो दिनों तक रुकावट डाली और अंत में श्रीलंका और भारत को 2002 चैंपियंस ट्रॉफी का संयुक्त विजेता घोषित किया गया। श्रीलंका ने इस खिताबी जीत को भारत के साथ बाँटकर ही संतोष कर लिया।
2004 : पिछले टूर्नामेंट में संयुक्त विजेता रही श्रीलंका की टीम इस बार पहले दौर में ही बाहर हो गई। टूर्नामेंट में अपने पहले पूल मैच में श्रीलंका ने जिम्बाब्वे को 4 विकेट से हराया, लेकिन दूसरे मैच में वह इंग्लैंड से हारकर बाहर हो गई।
मैच में बारिश्ा ने बाधा डाली और मैच का परिणाम डकवर्थ-लुईस पद्धति से निकाला गया, जिसमें श्रीलंका को 49 रनों से हार का सामना करना पड़ा।
2006 : इस बार भी श्रीलंका की टीम ग्रुप मुकाबले में ही बाहर हो गई। पहले ग्रुप मैच में पाकिस्तान से हारने के बाद दक्षिण अफ्रीका ने भी श्रीलंका को 78 रनों से शिकस्त दी। श्रीलंका ने एकमात्र मैच न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराकर जीता लेकिन यह काफी नहीं था और शुरुआती दो मैच गँवाने के बाद श्रीलंका चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो गई।