हरभजन सिंह पर होगा दारोमदार

-वेबदुनिया न्यू

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22 सितम्बर से शुरू हो रही चैम्पियंस ट्रॉफी में न्यूजीलैंड के खिलाफ अभ्यास मैच के पूर्व किसी गेंदबाज में सबसे ज्यादा जोश था तो वह हरभजन सिंह में ही था। श्रीलंका में कॉम्पेक कप के फाइनल में अपनी स्पिन का जादू बिखेर चुके भज्जी काफी कुछ भारतीय क्रिकेट टीम की दशा के साथ-साथ दिशा तय करेंगे।

हरभजन सिंह में जोश का विशेष कारण है। वे भारत की तरफ से दक्षिण अफ्रीका की सरजमीं पर सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं। भज्जी ने यहाँ अब तक 11 एक दिवसीय मैच खेले हैं और 44 के औसत से 10 विकेट अपनी झोली में डाले हैं।

यानी चैम्पियंस ट्रॉफी के छठे संस्करण में वे भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करेंगे और शेष गेंदबाजों के लिए प्रेरणास्रोत बनेंगे। भज्जी भी श्रीलंका में अपनी हालिया कामयाबी को अफ्रीकी जमीन पर दोहराने में कोई कमी-पेशी नहीं रखेंगे।

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अफ्रीका के तेज विकेट पर जिस तेज गेंदबाज को सबसे ज्यादा कामयाबी मिली है, उसमें ऑस्ट्रेलिया के तूफानी गेंदबाज ब्रेट ली का नाम शुमार किया जाता है। अपनी बाउंसर और यॉर्कर गेंदों से बल्लेबाज को झकझोर देने वाले ब्रेट ली ने 21.75 के औसत से 40 विकेट हासिल किए हैं। यह आँकड़े निश्चित रूप से ब्रेल ली को उत्साहित करेंगे।

चोट के बाद वापसी करने वाले ब्रेट ली की इस असाधारण प्रतिभा के मद्देनजर ही कप्तान रिकी पोंटिंग चैम्पियंस ट्रॉफी के अभियान की रणनीति तय करेंगे।

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वैसे हरभजन और ब्रेट ली के बाद मेजबान दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज मखाया नतिनी पर भी क्रिकेट बिरादरी की नजरें टिकी होंगी। नतिनी इस समय 100वें विकेट को लेने की दहलीज पर खड़े हुए हैं। अफ्रीका के इस गेंदबाज ने घरू जमीन पर खेलते हुए 67 मैचों में 26.75 की औसत से 99 विकेट प्राप्त किए हैं।

घरेलू विकेट पर किस तरह की गेंदबाजी से विकेट झटके जाते हैं, यह बात नतिनी को अच्छी तरह पता है। लिहाजा उन्हें इसका लाभ तो मिलेगा ही। यह साफ है कि चैम्पियंस ट्रॉफी में बल्लेबाजों के साथ-साथ गेंदबाजों में भी घमासान होने वाला है।

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