क्या है मूलांक और भाग्यांक

- भारती पंडि
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मूलांक और भाग्यांक हमारी लाइफ में बड़ा महत्व रखते हैं। कई बार हमें जन्म का समय या स्थान मालूम नहीं होता। ऐसे में कुंडली बना पाना कठिन हो जाता है। मूलांक उन लोगों के लिए एक सटीक आधार है। अपने बारे में जानने का और भविष्य में घटने वाली घटनाओं का अनुमान लगाने का अंक ज्योतिष एक सरल माध्यम हो सकता है।

मूलांक का अर्थ है आपके जन्म की तारीख। यानि यदि आपका जन्म 2 मार्च को हुआ है तो आपका मूलांक 2 होगा। मूलांक हमारे स्वभाव, प्रकृति, गुण,दोष आदि के बारे बताता है। हमारे लिए जीवन में क्या उपयोगी है और क्या अनुपयोगी, यह मूलांक से ही जाना जाता है। यह आपके मित्र और शत्रुओं के बारे में भी बताता है।

आपके करियर, जीवनसाथी, कार्यक्षेत्र और भाग्योदय की भी जानकारी देता है। मूलांक 1 से 9 तक माने जाते हैं। जिन लोगों का जन्म 9 से अधिक संख्या वाली तारीख को हुआ है वे अपने जन्मदिनांक को आपस में जोड़कर मूलांक पा सकते हैं। जैसे जिनका जन्म 11 तारीख को हुआ है उनका मूलांक 2 होगा। (1+1=2)। इसी तरह अन्य मूलांक आपस में जोड़कर निकाले जा सकते हैं।

भाग्यांक :-
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भाग्यांक की गणना थोड़ी विस्तृत होती है। यह वह अंक होता है जो आपके जीवन में बार-बार किसी न किसी तरह आता ही है और आपको अच्छे या बुरे रूप में प्रभावित करता है।

भाग्यांक का उपयोग महत्वपूर्ण घटनाओं का समय या तिथि जानने के लिए किया जाता है। आजकल जो नाम का अक्षर बदलने का चलन चल रहा है, वह भी भाग्यांक के ही आधार पर किया जाता है।

भाग्यांक निकलने के लिए जन्म तारीख, माह और सन लिखा जाता है और फिर उनका योग किया जाता है। जैसे यदि आपकी जन्म तारीख, माह व सन 2-3-1970 है तो आपका भाग्यांक 2+3+1+9+7+0 =22 = 2+2 = 4 होगा। यानि इस पूरी डीटेल्स के लिए भाग्यांक 4 होगा। विवाह, काम करने की जगह, भाग्यशाली शहर, लकी अंक आदि के बारे में भाग्यांक के द्वारा ही जाना जाता है।

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