धनु राशि

(राशि के आद्याक्षर - ये, यो, ध, धा, धी, धू, धे, फ, भा, भी, भू, भे)

आपकी जन्मकुंडली में चंद्रमा 9 अंक के साथ पड़ा होने से आपकी जन्मराशि धनु मानी जाती है। राशि चक्र में इनका नवम् स्थान है। इस राशि का स्वामी गुरु ग्रह माना गया है। इसीलिए इस राशि के व्यक्तियों पर गुरु का काफी प्रभाव पड़ता है।

गुरु के प्रभाव के कारण ही इनका जीवन सत्य व निष्ठा पर आधारित रह पाता है। इनका शत्रु परिवार का ही कोई व्यक्ति या नौकरी में सहयोगी, अधिकारी व्यक्ति या कोई स्त्री हो सकती है। ये झगड़े-फसाद से दूर ही रहते हैं।

स्वार्थपरायण, बेईमान तथा चरित्रहीन लोगों से घृणा करते हैं। हर कार्य में प्रयत्न तथा परिश्रम करने के पश्चात ही उसमें यश पाते हैं। सत्यभाषी, सात्विक प्रकृति, महत्वाकाँक्षी तथा सहिष्णु होते हैं। चतुर तथा मधुरभाषी होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण ये दूसरों पर प्रभाव रखकर अपना काम बना लेते हैं। राहु इस राशि में जहाँ भी हो, वहाँ का अशुभ फल देता है।

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