शाहरुख खान की खास बातें (स्लाइड शो)

2 नवंबर को शाहरुख खान का जन्मदिवस है। इस अवसर पर आइए जानें किंग खान की कुछ खास बातें।

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बचपन में शाहरुख को उनके दोस्तों ने बड़े-बड़े ताले आसानी से कैसे खोले जाते हैं, का फार्मूला समझाया था। शाहरुख ने कई बार इसे आजमाया भी।

शाहरुख अपनी पत्नी गौरी को घर में गौरी-माँ कहकर पुकारते हैं।

दिल्ली की रामलीला में शाहरुख ने हनुमानजी का रोल निभाकर अभिनय का पहला पाठ पढ़ा था।


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एक सर्वेक्षण के मुताबिक काजोल के साथ शाहरुख की जोड़ी सबसे अच्छी लगती है।

शाहरुख के बेटे आर्यन ने ‘कभी खुशी कभी गम’ में बाल भूमिका निभाई है।

काजोल की राय शाहरुख के बारे में यह है कि वह दरियाई घोड़े से भी रोमांस कर सकता है।


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शाहरुख के पिता को फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में राजा मानसिंह के रोल का प्रस्ताव मिला था, मगर वे सिनेमा को नौटंकी मानते थे, इसलिए ठुकरा दिया

शाहरुख मुम्बई शहर को अपना मानते हैं। वे आखिरी साँस इसी महानगर में लेना चाहते हैं। दिल्ली को वे अपनी माँ मानते हैं, जिसने उनकी परवरिश की थी।

किंग खान को लंदन और गोआ में छुट्टियाँ मनाना अच्छा लगता है।


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घर पर बच्चों के साथ रहते हुए कम्प्यूटर गेम खेलना शाहरुख का शगल है। तंदूरी चिकन खाते-खाते वे खेल का मजा लेते हैं।

घर में बाथरूम उनकी पसंदीदा जगह है। वे घंटों बाथरूम में गुजारते हैं और जब तक गौरी दरवाजा नहीं पिटती वे बाहर नहीं निकलते। शाहरुख के अनुसार वे केवल बाथरूम में अभिनय नहीं करते।

शाहरुख ने अपने जीवन में पहली बार देवआनंद की फिल्म ‘जोशीला’ देखी थी।


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गौरी को पटाने के लिए शाहरुख रोजाना उसके पीछे-पीछे स्कूल जाते और राजश्री प्रोडक्शन की‍ फिल्म ‘चितचोर’ का यह गाना जरूर गाते थे- ‘गौरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा...

डीडीएलजे फिल्म प्रदर्शन के बाद कोलकाता के प्रशंसक अर्नब राय ने शाहरुख खान क्लब (1995) की स्थापना की और 2002 में एक म्यूजियम भी बनाया।

मैडम तुसाद लंदन के म्यूजियम में अमिताभ बच्चन के मोम के पुतले के पास शाहरुख खान का मोम का पुतला आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म में विधु विनोद चोपड़ा की पहली पसंद किंग खान थे। डेट न होने से मुन्नाभाई बने संजय दत्त।