आरक्षण : इंडिया वर्सेस इंडिया

बैनर : प्रकाश झा प्रोडक्शन्स, बेस इंडस्ट्रीज ग्रुप
निर्माता : प्रकाश झा, फिरोज नाडियाडवाला
निर्देशक : प्रकाश झा
संगीत : शंकर-अहसान-लॉय
कलाकार : अमिताभ बच्चन, सैफ अली खान, दीपिका पादुकोण, मनोज बाजपेयी, प्रतीक, तनवी आजमी, मुकेश तिवारी, चेतन पंडित, यशपाल शर्मा, सौरभ शुक्ला
रिलीज डेट : 12 अगस्त 2011

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पिछले दो-तीन दशक में शिक्षा का जो परिदृश्य देश में उभरा है उसको आधार बनाकर प्रकाश झा ने ‘आरक्षण’ नामक फिल्म बनाई है। स्कूल-कॉलेजों में आरक्षण की वजह से एक वर्ग को सीटें सुलभ हुई हैं तो दूसरे वर्ग के लिए अवसरों में कमी आई है। इसके साथ ही कोचिंग और निजी शैक्षिक संस्थानों को भी झा ने आड़े हाथों लिया है जिन्होंने शिक्षा को व्यवसाय का रूप दे दिया है।

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शिक्षा के कारोबार में नेताओं की घुसपैठ हो गई है और हर नेता के कई कॉलेज हैं। ये नेता भी झा के निशाने पर हैं। इन सब मुद्दों को प्रभाकर आनंद (अमिताभ बच्चन), पूरबी (दीपिका पादुकोण), दीपक कुमार (सैफ अली खान) और सुशांत (प्रतीक) की कहानियों के जरिये उठाया गया है।

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प्रभाकर आनंद एक कॉलेज में प्रिंसीपल है। ईमानदारी और सिद्धांतवादी तरीके से वह कॉलेज चलाता है और उसका कॉलेज प्रदेश का नंबर वन कॉलेज है। प्रभाकर ‍का शिष्य दीपक अपने सर के लिए कुछ भी कर सकता है। दीपक अपने सर की बेटी पूरबी को चाहता है और सुशांत का बहुत अच्छा दोस्त है। आरक्षण के मुद्दे के कारण इनकी दोस्ती, प्यार, सपने और सिद्धांतों पर क्या असर होता है यह फिल्म में दिखाया गया है।

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निर्देशक के बारे में :
सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को प्रकाश झा ने हमेशा अपनी फिल्मों के जरिये उठाया है। उनकी फिल्में केवल मनोरंजन ही नहीं करती है बल्कि सोचने के लिए मजबूर भी करती हैं। जब समानांतर फिल्मों की लहर चल रही थी तब उन्होंने दामुल (1984), परिणति (1988), मृत्युदण्ड (1997) जैसी फिल्में बनाईं। इसके बाद उन्होंने व्यावसायिक फिल्मों के सितारों को लेकर इस तरह की फिल्में बनाना शुरू किया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक उनकी बात पहुँच सके। उनकी फिल्मों को न केवल समीक्षकों ने सराहा बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी ‍सफल रहीं। गंगाजल (2003), अपहरण (2005) और राजनीति (2010) जैसी फिल्में इसके उदाहरण हैं।

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