खट्टा मीठा : भ्रष्टाचार और रिश्वत के बीच सचिन

बैनर : हरि ओम एंटरटेनमेंट कं., श्री अष्टविनायक सिनेविज़न लिमिटेड
निर्देशक : प्रियदर्शन
संगीत : प्रीतम, शानी
कलाकार : अक्षय कुमार, त्रिशा कृष्णन, राजपाल यादव, मकरंद देशपांडे, नीरज वोरा, मिलिंद गुनाजी, असरानी, अरुणा ईरानी, उर्वशी शर्मा, मनोज जोशी, टीनू आनंद, कुलभूषण खरबंदा, जॉनी लीवर
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यह कहानी है महाराष्ट्र के एक छोटे-से शहर में रहने वाले मराठी मानूस सचिन टिचकुले (अक्षय कुमार) की। सचिन के पिता रमाकांत टिचकुले (कुलभूषण खरबंदा) रिटायर्ड जज हैं और उनकी नजरों में सचिन की कोई अहमियत नहीं है। सचिन की माँ (अरुणा ईरानी) को भी यह भय सताता रहता है कि उसका बेटा सही राह पर नहीं है। सचिन रोड कांट्रेक्टर है। शर्ट-पेंट-बेल्ट पहने, चश्मा लगाए सचिन के हाथ में हमेशा एक हैंड बैग और छाता रहता है। ऑटो में वह सफर करता है।


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सचिन का सपना है कि वह खूब पैसा कमाए। बड़ा आदमी बने, लेकिन दूर-दूर तक इस सपने के पूरे होने के आसार नजर नहीं आते हैं। दरअसल उसका काम ही ऐसा है जहाँ रिश्वत के बिना पत्ता भी नहीं हिलता। बेचारे सचिन के पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है।


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बात तब और बिगड़ जाती है जब म्यूनसिपल कमिश्नर के रूप में गहना गनपुले (त्रिशा कृष्णन) की नियुक्ति हो जाती है। गहना बेहद सख्त मिजाज है। काम ही उसके लिए पूजा है और रिश्वतखोरी से उसे सख्त नफरत है। नफरत तो वह सचिन से भी करती है क्योंकि वह उसकी एक्स गर्लफ्रेंड है।


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गहना के आने के बाद सचिन की स्थिति और बदतर हो जाती है और मुसीबत के दलदल में वह फँसता जाता है। फिल्म में हल्के-फुल्के, हँसते-खिलखिलाते अंदाज में दिखाया गया है कि हमारे सिस्टम में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी किस तरह अपनी जड़ें जमा चुकी हैं। अक्षय कुमार और प्रियदर्शन की जोड़ी एक बार फिर आपको हँसाने आ रही है।

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