गुलाब गैंग कहानी है रज्जो (माधुरी दीक्षित) की जिसने महिलाओं का एक आश्रम स्थापित किया है। इसमें महिलाएं नौ यार्ड की गुलाबी साड़ी पहने, हाथों में कुल्हाड़ी और हथियार लिए दुष्टों का मुकाबला कर न्याय के लिए लड़ती हैं। साथ ही वे मसाला बनाती हैं और हाथों से बास्केट तथा साड़ियां बुनती हैं।
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रज्जो एक पार्टी का प्रचार करती है। जब वो पार्टी अपना असली रंग दिखाती है तो रज्जो को समझ आता है कि एक लंबी लड़ाई उसे लड़ना है। उसका मुकाबला ऐसी बुराई, जिसका नाम सौमित्र देवी (जूही चावला), से है जिससे पहले कभी उसकी टकराहट नहीं हुई। सौमित्र देवी के लिए गोलियां, पैसा, राजनीतिक कनेक्शन मामूली बातें हैं।
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रज्जो आने वाली तूफान की खामोशी पढ़ लेती है। उसे लगता है कि सौमित्र देवी उसके वर्षों की मेहनत को चुटकियों में बरबाद कर देगी। सौमित्र देवी का रज्जो मुकाबला करने का निश्चय करती है। वह सौमित्र देवी के खिलाफ चुनाव लड़ती है। उसे अपनी आत्मा की शक्ति पर विश्वास है।