चंबल का क्षेत्र, जो विद्रोहियों, भ्रष्ट नेताओं, गोलियों और खून के लिए जाना जाता है। यहां या तो आप बंदूक के बल पर जी सकते हैं या फिर बंदूक से मारे जा सकते हैं। रिवॉल्वर रानी इस शत्रुता से भरी दुनिया की कहानी कहती है जहां आपका कोई दोस्त नहीं होता है। होते हैं तो घातक दुश्मन जिनके निशाने पर हमेशा आपका सिर होता है। कभी-कभी दुश्मन को खत्म करने के लिए उनकी जीवन छीन लेना ही जरूरी नहीं होता है, बल्कि उसका दिल चुराने से भी यह काम किया जा सकता है।
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रिवॉल्वर रानी राजनीतिक पृष्ठभूमि में सेट एक व्यंग्यात्मक और असामान्य प्रेम की कहानी है। यह कहानी है अलका सिंह (कंगना रनोट) की जो रोहन मेहरा (वीर दास) की जुनूनी प्रेमिका है। अलका सिंह एक राजनीतिक पार्टी की नेता है तो रोहन बॉलीवुड का उभरता हुआ सितारा।
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ग्वालियर में हाल ही में चुनाव सम्पन्न हुए हैं और अलका के शासन का भी अंत हो गया। उसके विरोधी, तोमर पार्टी के लोग अब सत्ता में आ गए हैं। वे अलका का राजनीतिक करियर खत्म करना चाहते हैं और उसके पहले उसे चोट पहुंचाना चाहते हैं। वे अलका की कमजोरी यानी कि उसके प्रेमी के बारे में जानते हैं।
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मुंबई से तोमर पार्टी के कार्यकर्त्ता रोहन का अपहरण कर लेते हैं। उसे जान से मारने के उद्देश्य से वे रोहन को ग्वालियर ले आते हैं। उसके पहले कि वे ट्रिगर खींचे, रिवॉल्वर रानी की तोपें अपना कमाल दिखा जाती हैं और वह अपने प्रेमी की जान बचा लेती है।
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रिवॉल्वर रानी अपने तरह की अनूठी फिल्म है जिसमें दिखाया गया है कि क्या होगा जब एक सशक्त नेता बॉलीवुड स्टार के प्यार में गिरफ्त हो जाती है और उसे अपने दुश्मनों से बचाती है। रिवॉल्वर रानी चाहे मर जाए, लेकिन तब भी उसे प्यार चाहिए।